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गहलोत के भरोसा ‘खोने’ के बाद अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस में नए नाम चर्चा में

हाल के दशकों में पार्टी से सब कुछ मिलने के बावजूद ‘बागी’ हो गए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जगह कांग्रेस आलाकमान ने अब राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए किसी दूसरे नेता की तलाश शुरू कर दी है। चूँकि 30 सितंबर तक नामांकन भरे जाने हैं, पार्टी इसे लेकर एक-दो दिन में फैसला कर सकती है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के आलावा वर्तमान में काफी सक्रिय मल्लिकार्जुन खड़गे और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल में से किसी एक को पार्टी अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बना सकती है।

गहलोत ने अपने समर्थक विधायकों से आलाकमान की नाफरमानी करवाकर अपने पाँव पर खुद कुल्हाड़ी मार ली है। राजस्थान के घटनाक्रम से पहले पार्टी के भीतर गहलोत काफी लोकप्रिय थे और उनके नाम पर आम राय बंनती दिख रही थी। लेकिन अब पार्टी में उनका ग्राफ तेजी से गिरा है। यहाँ तक कि आम जनता भी उनके कदम को नकारात्मक रूप से देख रही है।

पार्टी के बीच तटस्थ नेताओं का मानना है कि गहलोत को राजस्थान में मुख्यमंत्री पद मिला ही गांधी परिवार की बजह से था क्योंकि पार्टी को सत्ता में वे नहीं बतौर प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट सत्ता में लाए थे। हालांकि, सत्ता में आकर गहलोत ने सरकार को कांग्रेस की जगह अपनी सरकार समझ लिया और दो दिन पहले आलाकमान को ही ठेंगा दिखाकर बड़ी गलती कर बैठे।

कहा जाता है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को जब जयपुर आये पर्यवेक्षकों ने गहलोत के समर्थक विधायकों के अलग बैठक करने की जानकारी की सूचना दी थी तो सोनिया गांधी इससे हैरान रह गईं। बाद में भी एक बार उन्होंने पर्यवेक्षकों से बात करते हुए गहलोत के इस कदम को लेकर आश्चर्य जताया मानों उन्हें इसका विश्वास न हुआ हो। जाहिर है गहलोत ने सोनिया गांधी को नाराज कर दिया है और उनका समर्थन भी खो दिया है।

इस सारे घटनाक्रम के बाद 2020 के ‘विलेन’ सचिन पायलट तो सहानुभूति हासिल कर रहे हैं लेकिन अभी तक ‘हीरो’ रहे अशोक गहलोत ‘विलेन’ बन गए हैं। पार्टी के निष्पक्ष नेताओं के मुताबिक गहलोत के कदम से सोनिया गांधी को बड़ा झटका लगा है क्योंकि उनका गहलोत पर बहुत ज्यादा भरोसा था। अब शायद ही गहलोत का वे अध्यक्ष पद के लिए समर्थन करें। शायद गहलोत अब अध्यक्ष पद की दौड़ से बाहर हो गए हैं।

राजस्थान का सारा घटनक्रम तब हुआ जब नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव दिल्ली में सोनिया गांधी से विपक्षी एकता के लिए बैठक कर रहे थे। लालू ने तो बैठक के बाद साफ़ कहा कि भाजपा के खिलाफ कांग्रेस के बिना विपक्ष की एकता या मोर्चे की कल्पना ही नहीं की जा सकती। जब विपक्ष के नेता कांग्रेस को महत्व दे रहे हों, ऐसे समय में ‘भावी अध्यक्ष’ गहलोत ने जो किया उससे उन्होंने सीएम की कुर्सी के लालच में अपनी ही पार्टी की फ़ज़ीहत करवा दी।

पार्टी ने अब अध्यक्ष पद के लिए किसी अन्य ‘हैवीवेट’ की तलाश शुरू कर दी है। कमलनाथ सोमवार को सोनिया गांधी से मिले थे और सारे घटनाक्रम पर उनकी सोनिया से चर्चा हुई। माना जाता है कि उन्होंने फिलहाल मामले को ठंडा करने की सलाह दी, हालांकि, अध्यक्ष पद के लिए अपनी उम्मीदवारी से इंकार किया।

हो सकता है आलाकमान राजस्थान के मामले में सख्त रुख दिखाए। क्योंकि गहलोत समर्थक विधायकों ने जो किया वह छोटी बात नहीं है। एक तरह से गहलोत ने गांधी परिवार को ही चुनौती दे दी है। पार्टी में बहुत से नेता मानते हैं कि पिछले चुनाव के बाद गहलोत को सीएम बनाना ही बड़ी गलती थी और इस पद के असली हकदार सचिन पायलट थे जो पार्टी को सत्ता में लाए थे।

नहीं भूलना चाहिए कि साल 2020 में भी जब सचिन ‘विद्रोह’ किया था, वे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के लगातार संपर्क में रहे थे। उनके ही कहने के बाद वे जयपुर लौटे थे और पार्टी ने उनकी पद उनसे ले लिए थे। इसलिए खोया तो सब पायलट ने ही है, गहलोत ने तो पाया ही पाया है। फिलहाल सचिन कांग्रेस में दोबारा सहानुभूति पाते दिख रहे हैं और गहलोत से आम कांग्रेस जन नाराज दिख रहा है।

यह भी पता चला है कि वर्तमान हालात में विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने खुद को तटस्थ कर लिया है। उन्हें लग रहा है कि गहलोत ने जो किया वह कांग्रेस के खिलाफ है ऐसे में उनके साथ खड़े रहने से राजनीतिक करियर बर्बाद हो सकता है।

पार्टी में अब अध्यक्ष पद के लिए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के आलावा वर्तमान में काफी सक्रिय मल्लिकार्जुन खड़गे और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल जैसे नामों की चर्चा है। नामांकन के बाद गहलोत को दबाव में लाने के लिए राजस्थान में मुख्यमंत्री पद को लेकर आलाकमान फिर से विधायकों की बैठक का आदेश दे सकती है।

रूस के स्कूल में गोलीबारी की घटना में पांच छात्रों सहित नौ लोगों की मौत

रूस के एक स्कूल में हुई गोलीबारी में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई है। खुद रूस के अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है। इनमें पांच बच्चे शामिल हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस के गृह मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि गोलीबारी में करीब 20 घायल हुए हैं। यह घटना रूस के ईज़ेफ्सक की है। गोलीबारी करने वाले व्यक्ति की भी मौत हो गयी है और उसका शव पुलिस ने बरामद कर लिया है।

रूस के गृह मंत्रालय ने कहा कि उसे मिली रिपोर्ट्स के अनुसार ऐसा लगता है कि उसने (हमलावर) ने आत्महत्या की है। गृह मंत्रालय ने एक टेलीग्राम चैनल पर यह जानकारी साझा की। इलाके के गवर्नर अलेक्जेंडर ने पुष्टि की है कि हताहतों में बच्चे भी शामिल हैं।

रूस में जांचकर्ता एजेंसी ने बताया कि इस अपराध के कारण नौ लोगों की मौत हुई है। इनमें स्कूल के दो सुरक्षा गार्ड और दो शिक्षक और 5 बच्चे शामिल हैं। रूस में इन दिनों यूक्रेन युद्ध के कारण माहौल तनावपूर्ण है।

गुलाम नबी आज़ाद ने पार्टी का नाम रखा ‘डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी’, झंडा भी जारी

दशकों जिस गांधी परिवार के वफादार रहे, उसी परिवार को निशाने पर रखते हुए कांग्रेस से बाहर हुए वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद ने सोमवार को अपनी नई पार्टी के नाम की घोषणा कर दी है। उन्होंने अपने इस राजनीतिक दल का नाम ‘डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी’ रखा है।

जम्मू में उन्होंने अपनी पार्टी के नाम की घोषणा के वक्त पार्टी के झंडे का अनावरण भी किया। तीन रंगों के इस झंडे में नीला, सफ़ेद और पीला रंग है। आजाद ने कहा – ‘मेरी नई पार्टी के लिए करीब 1,500 नाम उर्दू, संस्कृत में हमें लोगों ने भेजे थे। हिन्दी और उर्दू का मिश्रण ‘हिन्दुस्तानी’ है। हम चाहते थे कि नाम लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण और स्वतंत्र हो।’

आजाद ने 26 अगस्त को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। इसके ठीक एक माह बाद उन्होंने अपनी नई पार्टी के नाम की घोषणा की है। उन्होंने पार्टी के झंडे को दिखाते हुए कहा कि, ‘सरसों का रंग रचनात्मकता और विविधता में एकता को इंगित करता है, सफेद शांति को इंगित करता है और नीला स्वतंत्रता, खुली जगह, कल्पना और समुद्र की गहराई से आकाश की ऊंचाइयों तक की सीमाओं को इंगित करता है।

आजाद रविवार को जम्मू पहुंचे और उसके बाद मीडिया से कहा था कि वे यहां कार्यकर्ताओं और नेताओं से मिलने आये हैं। वे 27 सितंबर को श्रीनगर का दौरा करेंगे।

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बॉलीवुड अभिनेत्री जैकलीन को मिली अंतरिम जमानत

ठग सुकेश से जुड़े 200 करोड़ रुपये की रंगदारी के मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडीज को तलब किया था। और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अभिनेत्री को 50 हजार के निजी मुचकले पर अंतरिम जमानत मिल गई हैं। कोर्ट में आज जज के सामने पिंकी ईरानी भी पेश हुई।

इस मामले की अगली सुनवाई पटियाला हाउस कोर्ट 22 अक्टूबर को करेगा। साथ ही आज जैकलीन को चार्जशीट की कॉपी भी दी गई हैं। इससे पहले अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडिस से दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने 19 सितंबर को की थीं।

आपको बता दें, सुकेश चंद्रशेखर ठगी मामले में जैकलीन को ईओडब्ल्यू ने समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था। साथ ही इस मामले में अभिनेत्री नोरा फतेही से भी दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने पूछताछ की थी।

राजस्थान कांग्रेस में गहलोत समर्थकों ने रखी दो शर्तें, देर रात तक चली बैठक

राजस्थान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में मुख्यमंत्री को लेकर राजनीति जारी हैं। कांग्रेस के विधायक दल की बैठक शाम सात बजे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निवास पर होनी थीं किंतु सभी विधायक गहलोत के वफादार माने जाने वाले विधायक संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के घर इकट्ठा होने शुरू हो गए। और यहां से वे रात लगभग नौ बजे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. जोशी के आवास पहुंचे और वहां आधी रात तक रहें।

बता दे इन विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को अपना इस्तीफा सौंपा हैं। सूत्रों के अनुसार गहलोत के विधायकों की दो शर्तें हैं, पहली की मुख्यमंत्री का उत्तराधिकारी कोई ऐसा होना चाहिए जिन्होंने 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान सरकार को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हो।

और दूसरी यह कि वे तब तक कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं चाहते जब तक कि कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव न हो जाए। यह अध्यक्ष पद का चुनाव 19 अक्टूबर को होना हैं।

आपको बता दें, सूत्रों के अनुसार गहलोत के 90 से ज्यादा विधायकों ने विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को अपना इस्तीफा सौंपा हैं। राजस्थान कांग्रेस के यह विधायक नहीं चाहते की राज्य का मुख्यमंत्री की कुर्सी सचिन पायलट को मिले। किंतु अब यह देखना होगा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी क्या फैसला लेंगे।

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को मिला हॉलीवुड स्टार जॉन क्यूसैक का भी समर्थन

राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को हॉलीवुड के मशहूर अभिनेता जॉन क्यूसैक का भी समर्थन मिला है। सेरेन्डिपिटी, हाई फिडेलिटी, कॉन एयर और 2012 जैसी सुपर ब्लॉकबस्टर फिल्मों के स्टार क्यूसैक सोशल मीडिया पर विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर हमेशा मुखर रहते हैं। बता दें इससे पहले कई विदेशी सेलेब्स समर्थन दे चुके हैं जिनमें जॉन सीना और मियां खलीफा भी शामिल हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को अपना समर्थन देते हुए हॉलीवुड एक्टर ने कहा कि वह दुनिया भर में फासीवाद के विरोध के साथ खड़े हैं। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘भारतीय सांसद राहुल गांधी कश्मीर से केरल तक यात्रा कर रहे हैं।’

क्यूसैक के ट्वीट पर एक यूजर ने अभिनेता को धन्यवाद दिया। इसके जवाब में अभिनेता ने कहा – ‘हां – एकजुटता – हर जगह सभी फासीवादियों के खिलाफ।’ बता दें कि क्यूसेक इससे पहले किसान आंदोलन को भी अपना समर्थन दे चुके हैं। उन्होंने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम का विरोध कर रहे छात्रों का भी सपोर्ट किया था।

इससे पहले राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पर कई विदेशी सेलेब्स समर्थन दे चुके हैं। इनमें जॉन सीना और मियां खलीफा शामिल हैं। यह यात्रा 150 दिन में 3,570 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।

हिमाचल के कुल्लू जिले में सड़क हादसे में 7 पर्यटकों की मौत, 10 लोग गंभीर घायल

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के बंजार क्षेत्र में रविवार को एक सड़क हादसे में पर्यटकों से भरे एक टेम्पो ट्रैवलर के हादसे का शिकार हो जाने से 7 सैलानियों की मौत हो गयी जबकि 10 घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती किया गया है।

जानकारी के मुताबिक यह हादसा तब हुआ जब बंजार इलाके के घियागी में एक पर्यटक वाहन चट्टान से फिसलकर नीचे जा गिरा। सात लोगों की इस हादसे में मौत हो गई जबकि दस घायल हुए हैं। घायलों को कुल्लू के जोनल अस्पताल में भर्ती किया गया है।

हादसा देर रात करीब साढ़े 8 बजे एनएच 305 पर हुआ। रिपोर्ट के अनुसार वाहन में चालक समेत 17 लोग सवार थे। कुल्लू के डीसी के मुताबिक पुलिस, होमगार्ड और स्थानीय प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंच गई। सात लोगों की मौत हो गई है और 10 अन्य घायल हैं।

बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के लिए जा रहे 24 हिंदू श्रद्धालुओं की नाव पलटने से मौत, 8 लापता

बांग्लादेश में एक धार्मिक आयोजन में हिस्सा लेने जा रहे श्रद्धालुओं की नाव पलटने से 24 हिन्दुओं की जान चली गयी। हादसे में अभी भी आठ लोग लापता हैं। यह हादसा तब हुआ जब बोदेश्वरी मंदिर जा रही एक नाव पश्चिमोत्तर बांग्लादेश में कोरोटा नदी में पलट गयी। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हादसे पर गहरा दुःख जताया है।

जानकारी के मुताबिक हिन्दू श्रद्धालु मंदिर में महालया (दुर्गा) पूजा उत्सव में हिस्सा लेने जा रहे थे। पलटने से उसमें सवार 24 लोगों की मौत हो गई, जबकि आठ लोग अभी भई लापता हैं और आशंका है कि वे नदी में बह गए हैं।

अधिकारियों के मुताबिक घटना पंचगढ़ जिले में उस समय हुई, जब श्रद्धालु महालया (दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत) के मौके पर नाव में सवार हो कर बोदेश्वरी मंदिर जा रहे थे। पंचगढ़ के अधिकारियों ने मीडिया को बताया – ‘नाव पलटने की घटना में 24 लोगों की मौत हो गई है। इनमें आठ नाबालिग बच्चे और 12 महिलाएं हैं।’

नदी में बह गए लोगों की तलाश की जा रही है। नाव में 70 से 80 यात्री सवार थे जिनमें से काफी तैर कर बाहर आ गए। नाव में क्षमता से अधिक यात्री सवार थे। बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हमीद और प्रधानमंत्री शेख हसीना ने घटना पर शोक जताया है। उन्होंने अधिकारियों को घायलों के इलाज और मृतकों के मुआवजे के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को जन्मदिन पर मोदी, राहुल सहित कई नेताओं की बधाई

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के जन्मदिन अपर उन्हें पीएम मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी से लेकर तमाम राजनीतिक नेताओं और अन्य गण्यमान्य लोगों ने बधाई देते हुए उनके बेहतर स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना की है। सिंह आज 90 वर्ष के हो गए और वे 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे।

नब्बे के दशक में देश में आर्थिक सुधारों का श्रेय मनमोहन सिंह को जाता है। बतौर वित्त मंत्री सिंह ने पीएम नरसिम्हा राव के आर्थिक सुधारों की राह प्रशस्त की थी जिससे देश में काफी बदलाव आया। इसके बाद देश का 10 साल पीएम रहते हुए सिंह ने इन्हीं आर्थिक नीतियों को आगे बढ़ाया।

उनके जन्मदिन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट में कहा – ‘पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जन्मदिन की बधाई। उनके स्वस्थ और लंबे जीवन की कामना करता हूं।’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने संदेश में कहा – ‘भारत के बेहतरीन राजनेताओं में से एक डॉक्टर मनमोहन सिंह को जन्मदिन की बधाई। उनकी विनम्रता, समर्पण और भारत के विकास में योगदान जैसी मिसालें बहुत कम मिलती है। वह मेरे और करोड़ों भारतीय नागरिकों लिए प्रेरणा हैं। मैं उनकी अच्छी सेहत और खुशहाली के लिए प्रार्थना करता हूं।’

इन नेताओं के आलावा पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी पूर्व प्रधानमंत्री को जन्मदिन दिन पर बधाई देते हुए सार्वजनिक जीवन में उनकी सेवा और योगदान को याद किया है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा – ‘आदरणीय डॉ मनमोहन सिंह जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। उनके लंबे जीवन, अच्छे स्वास्थ्य और उनकी खुशियों के लिए प्रार्थना करता हूं।’

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा – ‘मनमोहन सिंह जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं देने में मैं भी खुद को राष्ट्र के साथ जोड़ता हूं। उन्होंने भारत को गौरवशाली स्थिति तक पहुंचाने में नेतृत्व किया। करोड़ों भारतीय नागरिकों के लिए वह अब भी नायक हैं जो बोलते कम हैं और करते ज्यादा हैं। उनकी अच्छी सेहत और खुशहाली की कामना करता हूं।’

पार्टी ने भी मनमोहन सिंह को बधाई देते हुए कहा – ‘दूरदर्शी नेतृत्व और समर्पण परिभाषित करता है कि भारत के लिए डॉ मनमोहन सिंह का क्या मतलब है। भारत के आर्थिक सुधारों के सूत्रधार, जिनकी शानदार दृष्टि ने भारत के आर्थिक विकास की कहानी को अगले स्तर तक पहुंचाया।’

पीएम मोदी पहली अक्टूबर को दिल्ली में करेंगे 5जी सेवाओं की लॉन्चिंग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में 5जी सेवाओं की लॉन्चिंग पहली अक्टूबर को करेंगे। दिल्ली के प्रगति मैदान में होने वाली ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस’ में इसकी लॉन्चिंग होगी।

इस तरह भारत में 5जी सेवाओं की शुरुआत हो जाएगी। एशिया में सबसे बड़ा दूरसंचार, मीडिया और प्रौद्योगिकी मंच होने का दावा करने वाली इंडिया मोबाइल कांग्रेस का आयोजन साझे रूप से दूरसंचार विभाग (डीओटी) और सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) करते हैं।

संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल में ही कहा था कि सरकार ने कम समय सीमा में देश में 5जी दूरसंचार सेवाओं के 80 फीसदी कवरेज का लक्ष्य दिया है। पहले चरण में देशभर भर में करीब 13 शहरों में 5जी दूरसंचार सेवाएं उपलब्ध कराए जाने की संभावना है।

उपयोगकर्ताओं को देश में 5जी के आ जाने से 4जी के मुकाबले 10 गुना ज्यादा इंटरनेट स्पीड मिल सकेगी। वैष्णव ने 5जी के विकिरण प्रभाव संबंधी आशंकाओं को खारिज है और दावा किया कि 5जी सेवा से पैदा होने वाली विकिरणों का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुशंसित स्तर से काफी नीचे है।