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जम्मू कश्मीर के डीजी जेल की हत्या, हत्यारा ‘डिप्रेशन का शिकार’

गृह मंत्री अमित शाह के जम्मू कश्मीर दौरे के बीच एक बड़ी घटना में जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजी) जेल हेमंत लोहिया की हत्या कर दी गयी है। कुछ ख़बरों में उनके हत्यारे को डिप्रेसन का शिकार बताया गया है। राज्य के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने इसे बेहद दुर्भाग्य पूर्ण घटना बताया है।

जानकारी के मुताबिक डीजी लोहिया की हत्या उनके निवास पर की गयी। उनके घरेलू सहायक यासिर अहमद पर हत्या का आरोप है जिसे कुछ रिपोर्ट्स में डिप्रेशन का शिकार बताया गया है। राज्य के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने इसे बहुत  दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया है। उन्होंने कहा कि हत्या के बाद उनका घरेलू सहायक यासिर पकड़ा गया है।

रिपोर्ट्स में बताया गया है कि कथित आरोपी (57) ने हत्या के बाद लोहिया के शव को जलाने का भी प्रयास किया था। हत्या आरोपी यासिर डिप्रेशन का शिकार है और पुलिस ने इस बात के सबूत जारी किये हैं। पुलिस ने यासिर के अपनी डायरी पर लिखे गये कुछ नोट्स को जारी किया है। इनसे साफ पता चलता है कि यासिर ‘अपनी जिंदगी से ऊब गया था और वह बहकी- बहकी बातें लिखता था’।

पुलिस ने हेमंत लोहिया के कथित हत्यारे की तस्वीर जारी की है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि आतंकी संगठन पीएएफएफ ने इस घटना की जिम्मेदारी ली है। उधर पुलिस ने अधिकारी के घरेलू सहायक पर मुख्य आरोपी होने का शक जताया है। घटना स्थल से एकत्र किए गए कुछ सीसीटीवी फुटेज में संदिग्ध आरोपी को वारदात के बाद भागते हुए देखा गया था किंतु अब वह पकड़ा गया हैं। बताया जा रहा है कि पिछले करीब छह महीनों से घर में काम कर रहा था।

शुरुआती जांच से पता चला कि हत्या का आरोपी अपने व्यवहार में काफी आक्रामक दिख रहा था। वह डिप्रेशन में भी था। पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल किया गया हथियार और आरोपी की मानसिक स्थिति बताने वाले कुछ दस्तावेजी सबूत जब्त कर लिए हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट कर जानकारी दी थी कि डीजी जेल हेमंत लोहिया का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला।

विधानसभा उपचुनाव: 6 राज्यों की 7 विधानसभा सीटों पर 3 नवंबर होंगे उपचुनाव

भारतीय निर्वाचन आयोग ने सोमवार को 6 राज्यों की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव 3 नवंबर को होने की घोषणा की हैं। इनमें महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहर, तेलंगाना और ओडिशा शामिल हैं। नोमिनेशन करने की अंतिम तिथि 14 अक्टूबर है और नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर हैं।

बता दें, महाराष्ट्र की 166 (अंधेरी ईस्ट), बिहार की 177 (मोकामा) और 101 (गोपालगंज), हरियाणा की 47 (आदमपुर), तेलंगाना की 93 (मुनूगोडू), उत्तर प्रदेश की 139 (गोला गोरखनाथ) और ओडिशा की 46 (धाम नगर) सीट पर चुनाव होने हैं।

आपको बता दें, मतदान 3 नवंबर को होगा और इसके नतीजे 6 नवंबर को आएगें। गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी इसी साल चुनाव होने हैं। और जल्द ही चुनाव आयोग इसकी तारीखों की घोषणा कर सकते हैं। फिलहाल इन दोनों ही राज्यों में भाजपा की सरकार हैं। किंतु भाजपा के साथ ही आम आदमी पार्टी और कांग्रेस भी इन राज्यों को जीतने की कोशिश करेंगे।

फ्लाइट में बम की सूचना के बाद उड़ान को चीन की तरफ भेजा, दिल्ली एयरपोर्ट पर नहीं हो सकी लैंडिंग

तेहरान से चाइना जा रही महान एयर की फ्लाइट में बम होने की खबर मिलने से हड़कंप मच गया। यह जानकारी पुलिस को एक कॉल के जरिए मिली थी कि फ्लाइट में बम हैं। और कॉल के मिलते ही फ्लाइट की तुरंत लैंडिंग करवाने की कोशिश की गई।

फ्लाइट संख्या डब्ल्यू-581 तेहरान से चीन के ग्वांगझू जा रही थी। और सुबह करीब 9.30 बजे विमान के पायलटों ने दिल्ली एटीसी से संपर्क किया था और लैंडिंग की अनुमति मांगी थीं। जिसके बाद विमान दिल्ली के एयरस्पेस में होल्ड पर रहा।

बता दें सूत्रों के अनुसार विमान को लैंडिंग की अनुमति नहीं दी गई थी। जयपुर एयरपोर्ट एटीसी को भी सतर्कता वश सूचना दी गई थी। वहीं अब विमान को चीन में लैंड कराया जाएगा। और अगले 2 घंटे में चाइना के एयरपोर्ट पर लैंड होगा।

आपको बता दें, मुंबई एयरपोर्ट पर शनिवार की रात इंडिगो की फ्लाइट संख्या 6E-6045 में भी बम रखे होने की ई-मेल मिलने के बाद से सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। यह फ्लाइट रात में मुंबई से अहमदाबाद जाने वाली थी। जांच के दौरान फ्लाइट में कुछ भी नहीं मिला जिसके बाद फ्लाइट को रात में देरी से छोड़ा गया। और अब मुंबई पुलिस जांच कर रही है कि ई-मेल किसने और क्यों भेजी।

साथ ही दिल्ली से मलेशिया जाने वाली एक उड़ान शुक्रवार को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर बम की झूठी खबर के कारण देरी से रवाना हुई थी।

देश में निर्मित ‘एचएएल’ लड़ाकू हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना में हुआ शामिल

वायुसेना के जोधपुर एयरबेस में मंगलवार को भारतीय वायुसेना में देश में बना पहला हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर शामिल हो गया हैं। इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी भी शामिल रहें।

हेलीकॉप्टर को हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने बेंगलुरु में निर्मित किया हैं। इस हेलीकॉप्टर का वजन केवल 6 टन है और पहाड़ी इलाको में आसानी से अपनी फुल कैपेसिटी में मिसाइल और दूसरे हथियारों के साथ ऑपरेट करने में सक्षम हैं।

इस हेलीकॉप्टर की बॉडी और रोटर्स को इस प्रकार बनाया गया है कि इन पर गोली का कोई खास असर नहीं होगा। इसे सियाचिन से लेकर रेगिस्तान तक के अलावा समुद्र में भी तैनात किया जा सकता हैं। इसकी आगे की रचना पतली है जिससे इस पर हवा का दबाव कम रहें और उसकी स्पीड प्रभावित न हो।

सूत्रों के अनुसार टॉप स्पीड करीब 270 किलोमीटर प्रति घंटा हैं। इसमें फाइटर प्लेन की तरह ही दो पायलट आगे पीछे बैठते हैं जबकि सामान्य हेलीकॉप्टर में दो पायलट अगल-बगल बैठते हैं। एलसीएच ध्रुव से समानता रखता है और इसमें कई में स्टील्थ विशेषता, बख्तर सुरक्षा प्रणाली, रात को हमला करने और आपात स्थिति में सुरक्षित उतरने की क्षमता भी हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा कि, “मैं कल 3 अक्टूबर को जोधपुर, राजस्थान में स्वदेश में विकसित पहले हल्के कॉमेट हेलीकॉप्टरों (एलसीएच) के प्रेरण समारोह में भाग लेने के लिए रहूंगा। इन हेलीकॉप्टरों के शामिल होने से भारतीय वायुसेना की युद्ध क्षमता को काफी बढ़ावा मिलेगा। ”

पहले लड़की बन फोन पर बात फिर अश्लील वीडियो बना करते थे ठगी, गिरोह के सरगना को पुलिस ने किया गिरफ्तार

साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ कार्य करते हुए ऑपरेशन क्लीन स्वीप के तहत बाहरी जिले के डीसीपी के मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण के तहत साइबर पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी के एक मामले का भंडाफोड़ किया है साथ ही एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया गया हैं।

कार्रवाई करते हुए आरोपी गोविंद राम को भरतपुर से गिरफ्तार किया गया है। यह आरोपी एक सेक्सुअल एक्सटेंशन में शामिल था और पीड़ितों के अश्लील वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने के नाम पर पैसे की उगाही किया करता था।

पुलिस को हाल ही में पश्चिम विहार दिल्ली में रहने वाले एक व्यक्ति की शिकायत मिली थी। पीड़ित ने पुलिस को बताया था कि किसी ने उसे व्हाट्सएप नंबर पर एक संदेश भेजा था और लड़की के रूप में उससे बात की थी। पीड़ित ने कथित व्यक्ति से वीडियो कॉल पर बात की थी।

उसने पुलिस को आगे बताया कि कुछ दिनों के बाद फोन करने वाले ने उसे स्क्रीन रिकॉर्डर वीडियो भेजा, जिसमें किसी महिला के साथ उसका बदला हुआ वीडियो था वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड नहीं करने के लिए पैसे की मांग की थी पीड़ित ने उसके खाते में 12500 रुपये ट्रांसफर कर दिए। किंतु बाद में उसने पुलिस में केस दर्ज कराया।

आपको बता दें, पुलिस जांच के दौरान यह पाया गया कि कथित मोबाइल नंबर ज्यादातर राजस्थान में सक्रिय हैं। साथ ही आरोपी से लगातार पुलिस की पूछताछ के बाद यह पता लगा है कि आरोपी गोविंद अपने दोस्तों व गांव के अन्य लोगों के संपर्क में आया जो फर्जी अश्लील वीडियो बनाकर निर्दोष लोगों से पैसे की मांग करते थे।

आरोपी ने बताया कि वे अपने व्हाट्सएप नंबरों पर अज्ञात पुरुष व्यक्तियों को कॉल करते थे और उनके साथ महिला बनकर बात करते थे और उनके नग्न वीडियो रिकॉर्ड करते थे। और फिर इस वीडियो को महिलाओं की दूसरी वीडियो के साथ बदल दिया जाता था और पीड़ितों का वीडियो वायरल करने के बहाने उनसे वसूली की जाती थी।

यूपी: दुर्गा पूजा पंडाल में लगी भीषण आग, पांच की मौत, 66 से ज्यादा झुलसे

उत्तर प्रदेश के भदोही में दुर्गा पूजा पंडाल में आग लगने से तीन बच्चों सहित पांच लोगों की मौत और 66 से ज्यादा लोगों के झुलसने की खबर सामने आयी हैं। सभी घायलों में 42 को वाराणसी, 18 को औराई और 4 को प्रयागराज रेफर किया गया हैं।

सूत्रों के अनुसार घटना में आरती के समय पंडाल में करीब 200 लोग मौजूद थें इसी दौरान शॉर्ट सर्किट होने की वजह से आग लगने की घटना हुर्इ। शाम करीब आठ बजे आग लगी और करीब 20 मिनट बाद दमकल के वाहन मौके पर पहुंचे लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा सका।

भदोही के जिलाधिकारी गौरांग राठी ने बताया कि, “घटना औराई कस्बे स्थित एक दुर्गा पूजा पंडाल की हैं पंडाल में घटना के दौरान 200 के करीब लोग मौजूद थे। आरती का कार्यक्रम चल रहा था इसी दौरान शॉर्ट सर्किट होने की वजह से आग लगने की सूचना हैं। घटना में अभी तक की जानकारी के अनुसार 66 लोग झुलस गए हैं घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।“

उन्होंने आगे कहा कि, यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण हैं, क्योंकि हमने पहले ही सभी तरह के एहतियात बरते थे, लेकिन ये आग कैसे लगी इसके बारे में विस्तार से पता लगाना जरूरी हैं। शुरुआती जांच में तो शॉर्ट सर्किट की वजह से हुई घटना लगता हैं किंतु हम मामले की जांच करा रहे हैं जल्द ही मुख्य कारणों का भी पता लगा लिया जाएगा।

ईओ, नई दिल्ली की बढ़ती अर्थव्यवस्था में महिला उद्यमिता पर हुई पैनल चर्चा रही काफी सार्थक

ग्लोबल स्टूडेंट एंटरप्रेन्योर अवार्ड्स (जीएसईए) से पहले ईओ, नई दिल्ली ने महिला उद्यमियों के साथ एक पैनल चर्चा का आयोजन किया। पावर डेक के संस्थापक दिलनवाज खान द्वारा संचालित चर्चा में पैनल के वक्ताओं में लिटिल टैग लग्जरी की संस्थापक चांदनी अग्रवाल, आरवी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड की संस्थापक वंदना सेठ, सिकिफी की संस्थापक दिव्या जैन और प्लेफुल माइंड्स की संस्थापक सोनाली जैन शामिल रहीं। चर्चा भारत में महिला उद्यमिता के विभिन्न पहलुओं के इर्द-गिर्द घूमती रही।

पिछले कुछ सालों में अपनी भूमिका के विकास के बारे में बात करते हुए, चारों पैनलिस्ट इस बात पर सहमत दिखीं कि गतिशीलता और पहुंच, दो सबसे बड़ी चीजें हैं जिन्होंने महिला उद्यमियों के पक्ष में काम किया है। चांदनी ने कहा – ‘कुछ साल पहले की तुलना में अब महिला उद्यमियों की स्वीकार्यता कहीं अधिक है।’

चर्चा में सोनाली ने कहा – ‘डिजिटलाइजेशन ने वास्तव में स्थिति को बदल दिया है और गतिशीलता में वृद्धि की है।’

फाल्गुनी नायर की नायिका, विनीता सिंह की शुगर कॉस्मेटिक और इसी तरह की सफलता की यात्रा का उदाहरण देते हुए, दिलनवाज ने सहभागियों को महिला उद्यमिता की समावेशिता पर प्रकाश डालने के लिए कहा।

दिव्या ने कहा कि परिदृश्य अब नाटकीय रूप से बदल गया है, लेकिन परंपरागत रूप से हमारा प्रतिनिधित्व बहुत ही नगण्य था। बेशक, सामान्य रूप से स्टार्ट-अप स्थान महिलाओं के लिए अधिक समावेशी हो गया है और मैं, हम महिलाओं के रूप में, अपनी क्षमता के अधिकतम तक पहुंचने का समर्थन करती हूँ।

महिला उद्यमियों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बात करते हुए, वंदना ने एक दिलचस्प अवलोकन की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा – ‘समय के साथ बहुत कुछ बदल गया है और लोग अब हमें गंभीरता से लेते हैं। लेकिन मुझे लगता है कि अभी भी कुछ अचेतन पूर्वाग्रह या शायद निर्णय मौजूद है।

चांदनी ने लिंग अंतर पर प्रकाश डालते हुए कहा कि केवल 5 फीसदी महिलाएं ही उद्यमिता चुनती हैं।

समापन विचारों के रूप में उन सभी ने उद्यमियों, विशेष रूप से छात्र उद्यमियों से महत्वपूर्ण सलाह साझा की, जो अपने विचारों के साथ दुनिया को बदलने की तलाश में हैं। एक का कहना था – ‘दूसरों की सुनें, लेकिन अपनी प्रवृत्ति पर भरोसा करें और बस करें। एक और ने कहा – ‘अपना अवसर लें, यह अभी या कभी नहीं की स्थिति होती है’।

इस साल ईओ, नई दिल्ली के लिए जीएसईए की अध्यक्ष अनुष्का कपूर ने अपनी टिप्पणी में कहा – ‘बेशक महिला उद्यमियों की स्थिति में काफी सुधार हुआ है, फिर भी अभी काफी असमानता है जिसे ठीक करने की आवश्यकता है। महिलाओं द्वारा स्थापित फिनटेक ने पिछले 10 वर्षों में कुल फिनटेक निवेश का केवल एक फीसदी ही बढ़ाया है। यहां तक कि अमेरिका जैसे विकसित देशों में, 2011 से केवल महिलाओं की टीमों को दिए गए वीसी डॉलर की राशि 1.8 फीसदी से 2.7 फीसदी तक है।’

कपूर ने कहा कि इस पैनल का उद्देश्य इन अद्भुत महिला उद्यमियों की उपलब्धियों को उजागर करना है, साथ ही युवा महिलाओं को बनने के लिए प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि उद्यमी स्वयं और जीएसईए जैसे कार्यक्रमों के लिए आवेदन करते हैं।

Click Here to watch the entire panel discussion on YouTube.

ग्लोबल स्टूडेंट एंटरप्रेन्योर अवार्ड्स (जीएसईए ) छात्र उद्यमियों के लिए एक प्रमुख वैश्विक प्रतियोगिता है, जो उन्हें अपने व्यवसाय को अगले स्तर तक ले जाने के लिए मेंटरशिप, नेटवर्क, कनेक्शन और फंडिंग अनुदान प्रदान करता है। ईओ नई दिल्ली जीएसईए ने विजेता के लिए 2.5 लाख और उनके चैप्टर के उपविजेता के लिए 1.5 लाख तक नकद पुरस्कार की भी घोषणा की है। दो लाख तक के अतिरिक्त पुरस्कार एमिटी इनोवेशन इनक्यूबेटर और स्मार्टवर्क्स द्वारा प्रायोजित किए जाएंगे। शीर्ष स्टार्टअप्स को इंडियन एंजेल नेटवर्क और ईओ नई दिल्ली से निवेश का अवसर मिलेगा।

यह जानकारी दी गयी है कि जीएसईए नई दिल्ली 2022 के लिए आवेदन भारत के छात्र उद्यमियों के लिए खुले हैं। जीएसईए ग्लोबल फ़ाइनल में पहुंचने वाले छात्र कई अन्य पुरस्कारों के साथ-साथ 100,000 अमेरिकी डॉलर के कुल नकद पुरस्कार के लिए भी प्रतिस्पर्धा करेंगे।

इसलिए, यदि आप एक छात्र उद्यमी हैं या किसी को जानते हैं, तो जीएसईए नई दिल्ली 2022 एक सुनहरा टिकट है जिसे आप मिस नहीं करना चाहेंगे। इसके लिए यहां आवेदन किया जा सकता है – : https://bit.ly/GSEAND2022

बृजलाल खाबरी यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष नियुक्त, छह प्रांतीय अध्यक्ष भी बनाए

दलित नेता बृजलाल खाबरी को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उत्तर प्रदेश में पार्टी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। उनके अलावा पार्टी ने छह प्रांतीय अध्यक्ष भी नियुक्त किये हैं।

पार्टी के संगठन महासचिव के एक प्रेस नोट के मुताबिक यह नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से लागू हो गयी हैं। बृजलाल खाबरी लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सदस्य रहे हैं। खाबरी की पत्नी पूर्व प्रशासनिक अधिकारी हैं।

खाबरी का कांग्रेस का पुराना नाता है और उनकी पत्नी उर्मिला सोनकर कैलिया सीट से कांग्रेस के टिकट पर जिला पंचायत सदस्य रही हैं। प्रशासनिक अधिकारी के नाते उर्मिला प्रदेश के कई जिलों में एसडीएम और अपर आयुक्त के पद पर काम कर चुकी हैं। वह कुछ समय समाजवादी पार्टी में रही, हालांकि, जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में उन्हें सफलता नहीं मिल पाई थी।

पार्टी ने छह प्रांतीय अध्यक्ष भी नियुक्त किये हैं। इनमें नसीमुद्दीन सिद्दीकी, अजय रॉय, वीरेन्द्र चौधरी, नकुल दुबे, अनिल यादव (इटावा) और योगेश दीक्षित शामिल हैं। यह सभी नेता विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार खड़गे का पार्टी के राज्यसभा नेता पद से इस्तीफा

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए शुक्रवार को नामांकन भरने वाले वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार को राज्य सभा के नेता के रूप में त्यागपत्र दे दिया। पार्टी के ‘एक व्यक्ति एक पद’ नियम के तहत खड़गे ने त्यागपत्र दिया है। इस नियम के चलते ही राजस्थान में कांग्रेस को फ़ज़ीहत झेलनी पड़ी थी और लगभग कांग्रेस अध्यक्ष पद की देहलीज पर पहुँच चुके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अध्यक्ष पद के चुनाव से अपना नाम वापस लेना पड़ा था।

खड़गे ने राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जदगीप धनखड़ को अपना इस्तीफा सौंपा है। उन्होंने कल ही कांग्रेस पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया था। खड़गे जिनके कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव जीतने की प्रवल संभावना है, को पार्टी का जबरदस्त समर्थन देखने को मिला है।

उन्होंने 2021 में राज्यसभा में नेता विपक्ष का पद संभाला था। इससे पहले वे खड़गे लोकसभा में भी कांग्रेस दल के नेता रहे हैं। पार्टी खड़गे की जगह अब नया नेता नियुक्त करेगी। वरिष्ठ नेताओं दिग्विजय सिंह से लेकर आनंद शर्मा, पी चिदंबरम, केसी वेणुगोपाल में से किसी एक को चुना जा सकता है।

उधर सभी की नजर इस बात पर भी लगी है कि राजस्थान को लेकर नेतृत्व क्या फैसला करता है। गहलोत की माफी के बाद माना जा रहा है कि शायद आलाकमान अभी उन्हें पद से न हटाए। सचिन पायलट भी राज्य में कांग्रेस को मिलकर मजबूत करने की बात कर चुके हैं, लिहाजा स्थिति अभी साफ़ नहीं है।

निजता में ताक-झाँक, मोहाली में छात्राओं के आपत्तिजनक रिश्तों व निजता की शर्मनाक वीडियोग्राफी

पंजाब के मोहाली में स्थित निजी चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के हॉस्टल की छात्राओं के आपत्तिजनक रिश्तों और निजता के वीडियो कथित रूप से इंटरनेट पर वायरल होने से पैदा हुए विवाद ने महिलाओं की निजता की सुरक्षा को लेकर तो सवाल उठा ही दिये हैं, डिजिटल ताक-झाँक के बढ़ते ख़तरे के प्रति नयी चिन्ता पैदा कर दी है। पूरे मामले पर बता रही हैं डॉ. संगीता लाहा :-

तंबर में पंजाब के मोहाली में स्थित चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के छात्रों का बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन निश्चित ही चौंकाने वाला था। इस घटना की ख़बर ने कई टीवी चैनलों पर सुर्ख़िंयाँ बटोरीं, जिसमें विरोध-प्रदर्शन को कवर किया गया, जो यूनिवर्सिटी परिसर में गल्र्स हॉस्टल की छात्राओं के आपत्तिजनक वीडियो के ऑनलाइन लीक होने की अफ़वाहों के बाद शुरू हो गया था। निश्चित रूप से इसने हममें से कई लोगों को स्तब्ध कर दिया। इस घटना ने एमएमएस विवादों को फिर उभार दिया और आगे की पढ़ाई के लिए बड़े शहरों में छात्रावास में रहने वाली लड़कियों / महिलाओं की निजता और सुरक्षा पर गम्भीर क़िस्म का सवालिया निशान लगा दिया। इससे पहले दिल्ली पब्लिक स्कूल एमएमएस कांड ने यौन आनंद की संस्कृति की बदनामी से भरी एक पूरी नया ख़ुलासा कर दिया था।

ऐसी घटनाएँ अकसर ही होती हैं। मुडक़र देखें, तो 01 अप्रैल को मीडिया में एक ख़बर आयी कि मुम्बई पुलिस ने बॉलीवुड के जाने-माने कोरियोग्राफर के ख़िलाफ़ सन् 2020 में यौन उत्पीडऩ के मामले में चार्जशीट दायर की है। यह कोरियोग्राफर ब्लॉकबस्टर फ़िल्मों में अपने काम के लिए जाना जाता है। उस पर यौन उत्पीडऩ, पीछा करने और दृश्यरतिकता (छिपकर देखने) का आरोप लगाया गया था।

सन् 2015 में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के द्वारा गोवा के पॉप्युलर ब्रैंड फैब इंडिया स्टोर में एक हिडन (सीसीटीवी) कैमरा पकडऩे के मामले ने चोरी से डिजिटल रिकॉर्डिंग की तरफ़ ध्यान खींचा था। केंद्रीय मंत्री होने के नाते उनके मामले ने मीडिया का बहुत ध्यान आकर्षित किया। यह घटना उस मामले के कुछ दिन बाद हुई, जब एक महिला को दिल्ली के लाजपत नगर के लोकप्रिय शॉपिंग हब सेंट्रल मार्केट में वैन ह्यूसेन स्टोर के चेंजिंग रूम के दरवाज़े पर एक मोबाइल फोन बँधा हुआ मिला।

इसी तरह सन् 2003 में पुणे में चोरी से डिजिटल रिकॉर्डिंग के पहले मामलों में से एक सामने आया था, जब सहकार नगर में स्थित प्रतिष्ठान में एक चपरासी ने चेंजिंग रूम में एक वेब कैमरा स्थापित किया हुआ था। सन् 2005 में एक ज़मींदार को महिला किरायेदारों की चोरी से वीडियो बनाने के लिए गिरफ़्तार किया गया था। सन् 2007 में, कोलकाता के एक प्रसिद्ध डिपार्टमेंटल स्टोर के चेंजिंग रूम के दो एमएमएस क्लिप फैला दिये गये थे। एक में एक लडक़ी को कपड़े बदलते हुए दिखाया गया, जबकि दूसरे में एक जोड़े को सम्भोग (सेक्स) करते हुए दिखाया गया। इस घटना के एक साल बाद एक दुकान सहायक को कोलकाता में परिधान की एक दुकान में ट्रायल रूम के दरवाज़े के नीचे से महिलाओं का वीडियो बनाते हुए पाया गया। इस तरह के काम करने वाले लोग किसी व्यक्ति को शारीरिक रूप से नुक़सान नहीं पहुँचाते हैं; लेकिन अपने धत्कर्म से पीडि़त को दबाव और मानसिक आघात में पहुँचा देते हैं। इस तरह की चीज़ एक महिला को प्रताडि़त करती है और उसके निजता के अधिकार पर हमला करती है। ऐसी कई घटनाएँ हैं।

अल्फ्रेड हिचकॉक ने अपनी फ़िल्म ‘रियर विंडो’ में दृश्यरतिकता (वोयूरिज्म) विषय की ओर संकेत किया है और मनुष्यों की अपने मनोरंजन के लिए दूसरों को देखने की प्रवृत्ति को सामने लाया है। जेफ पेशे से एक सक्रिय दृश्यरतिक (वोयूर), एक फोटोग्राफर है, जो उसे स्वाभाविक रूप से लोगों को देखने के प्रति इच्छुक बनाता है। दृश्यरतिकता का मामला दो परिस्थितियों में उत्पन्न हो सकता है- एक, किसी व्यक्ति वास्तव में किसी को जासूसी करते हुए देखता है। दूसरा, उन्हें सन्देह है कि उनकी जासूसी की जा रही है।

आँकड़ों के अनुसार, बिना किसी पूर्व आपराधिक पृष्ठभूमि वाले क़रीब 42 फ़ीसदी कॉलेज छात्र उच्च तकनीक वाले गैजेट और मोबाइल डिवाइस के उपलब्धता के चलते दृश्यरतिक कृत्यों में लिप्त पाये गये। इसने भारत में दृश्यरतिकता को बढ़ावा दिया है। आज बाज़ार में उपलब्ध हर नया फोन कम-से-कम पाँच मेगापिक्सेल कैमरा और सुपरफास्ट इंटरनेट पहुँच वाला होता। क़रीब 80 फ़ीसदी युवाओं के पास इन बुनियादी सुविधाओं वाले स्मार्ट फोन हैं। इसके अलावा कई प्रकार के स्पाई-कैमरे जैसे पेन कैमरा और बटन कैमरा सस्ती कीमतों पर उपलब्ध हैं।

दृश्यरतिकता क्या है?

दृश्यरतिकता के मायने हैं, उन लोगों की जासूसी करना जो निजी गतिविधियों में लगे हुए हैं; जैसे कपड़े बदलना, स्नान करना, या कोई अन्य कार्य, जो एक निजी प्रकृति का है। एक व्यक्ति ख़ुद देखने से लेकर कैमरे या दूरबीन का उपयोग करके दृश्यरतिकता के कार्य में संलग्न हो सकता है। दूसरे शब्दों में जब पीडि़त इस बात से अनजान हो कि उसके निजी कृत्य को देखा जा रहा है या किसी ने उसे रिकॉर्ड कर लिया गया है।

क्या कहता है क़ानून?
आपराधिक क़ानून संशोधन अधिनियम-2013 में भारतीय दण्ड संहिता में धारा-354(सी) को शामिल किया गया है, जो दृश्यरतिकता को अपराध की श्रेणी में रखता है। सोशल मीडिया के माध्यम से किसी महिला को अश्लील सामग्री (फोटो, चित्र, फ़िल्म, सन्देश) भेजना आईपीसी के तहत यौन उत्पीडऩ माना गया है। किसी महिला को उसकी सहमति के बिना अश्लील या स्पष्ट यौन सामग्री दिखाना या भेजना आईपीसी की धारा-354(ए) के तहत यौन उत्पीडऩ का एक रूप है। इस अपराध के लिए सज़ा तीन साल से लेकर ज़ुर्माना या दोनों हो सकते हैं। लेकिन लगभग सभी मामलों में दृश्यरतिक अपनी रुचि के विषय के साथ सीधे नहीं मिलता है, जो अक्सर इस तरह से कुछ होने के प्रति अनजान होता है। इससे घटना की शिकायत किये जाने की सम्भावना कम हो जाती है। इसलिए दृश्यरतिकता बेफ़िक्र रहता है। स्थिति का फ़ायदा उठाकर वह पीडि़त को अपनी माँग पूरी करने के लिए मजबूर करता है।

दृश्यरतिकता की अवधारणा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम-2000 के साथ शुरू हुई। धारा-66(ई), धारा-67, धारा-67(ए) और धारा-79 जैसे प्रावधानों को शामिल करने के साथ अधिनियम में अश्लीलता और एक स्पष्ट यौन कार्य के प्रसारण, रिकॉर्डिंग जैसी सभी गतिविधियों का निषेध शामिल है। सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम-2008 द्वारा आईटी अधिनियम-2000 में अलग धारा को संयुक्त राज्य अमेरिका के एक संघीय क़ानून-2004 के वीडियो दृश्यरतिकता निवारण अधिनियम की धारा-180(1) के प्रभाव से पेश किया गया है। इसने भारत में दृश्यरतिकता के ख़िलाफ़ क़ानूनों को मज़बूत किया है।
आईटी अधिनियम-2008 की धारा-66(ई) मानव शरीर को वीडियो तकनीक द्वारा या किसी भी अनुचित और अश्लील घुसपैठ से बचाने के अधिकार को मान्यता देती है। साथ ही वीडियो दृश्यता के अपराध से व्यक्तिगत गोपनीयता की पर्याप्त रूप से रक्षा करती है, जो गुप्त रूप से वीडियो टेपिंग या अनजान व्यक्तियों की तस्वीरें खींचकर व्यक्तिगत गोपनीयता और गरिमा को नष्ट करती है। आईटी अधिनियम की धारा-67(ए) में कहा गया है कि यदि ऑनलाइन प्रकाशित होने वाली सामग्री यौन रूप से स्पष्ट है, तो दोषी को पाँच साल की क़ैद हो सकती है और 10 लाख रुपये तक का ज़ुर्माना भरना पड़ सकता है। पुलिस का कहना है कि पीडि़त के पास सुबूत हों या न हों, सिर्फ़ शिकायत दर्ज की जानी ही काफ़ी है।

आसान नहीं दृश्यरतिकता को रोकना
इस अपराध का मुक़ाबला करना कोई आसान काम नहीं है, और यह केवल दण्डात्मक उपायों के साथ क़ानून पारित करने से रातोंरात नहीं हो सकता है। सरकार की तरफ़ से रेस्तरां, होटल, कपड़ों की दुकानों, मॉल और अन्य स्थानों, जो जनता के लिए खुले हैं; की समय-समय पर जाँच करने के लिए एजेंसी की स्थापना की जानी चाहिए। निजता के उल्लंघन के लिए ऐसे स्थानों की नियमित रूप से जाँच की जानी चाहिए। यदि ऐसी सुरक्षा सुनिश्चित करने में ये दोषपूर्ण पाये जाते हैं, तो उन पर बड़ा ज़ुर्माना और अन्य दण्ड लगाया जाना चाहिए। यह स्टोर कीपर या प्रबंधकों को अपने स्टोर में गोपनीयता सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी उपाय करने के लिए मजबूर करेगा।

एमएमएस काण्ड से सांसत में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी

छात्राओं के निजी वीडियो इंटरनेट पर वायरल होने की रिपोर्ट सामने आने के बाद यूनिवर्सिटी परिसर में भारी विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया। पुलिस अब तक वीडियो शूट करने वाली लडक़ी के अलावा हिमाचल प्रदेश से दो लडक़ों को गिरफ़्तार कर चुकी है। बता रहे हैं राजेंद्र खत्री :-

हाल ही में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी (सीयू), मोहाली में एमएमएस कांड सामने आया। यूनिवर्सिटी की लड़कियों के छात्रावास के बाथरूम में नहाते हुए कथित वीडियो को एक छात्रा ने गुप्त रूप से शूट किया, जिसे बाद में उसके प्रेमी ने सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। इस घटना से जबरदस्त आक्रोश फैल गया।
विभिन्न अफ़वाहों ने आग में घी डालने का काम किया। इस अशोभनीय घटना से पूरे देश स्तब्ध रह गया और हर जगह आक्रोश फैल गया। मोहाली स्थित चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में छात्रों द्वारा आधी रात को बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन किया गया, जब यूनिवर्सिटी में 60 छात्रावास लड़कियों के अश्लील वीडियो लीक होने की अफ़वाह के बाद अधिकारियों के साथ उनकी बातचीत विफल हो गयी थी।

यूनिवर्सिटी में अचानक हुए विरोध के बीच मामले की सूचना पुलिस को दी गयी। बाद में तीन लोगों- चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की एक छात्रा और हिमाचल प्रदेश के चार लोगों को इस घटना के सिलसिले में आईपीसी की धारा-354(सी) और आईटी अधिनियम के तहत गिरफ़्तार किया गया। गिरफ़्तार किये गये लोगों में लडक़ी, सनी मेहता, लडक़ी का प्रेमी संजीव सिंह, जिसने वीडियो बनाया था। दूसरे का नाम रंकज वर्मा था। मोहाली पुलिस ने इन्हें न्यायालय से सात दिन की रिमांड पर लिया है।

हैरानी की बात यह है कि बाद में जाँच के दौरान पुलिस को पता चला कि जम्मू में तैनात सेना का जवान संजीव सिंह वह व्यक्ति था, जिसने कथित तौर पर रंकज वर्मा की डीपी का इस्तेमाल आरोपी लडक़ी को धमकाने और उसके मोबाइल में वीडियो हटाने के लिए करने के लिए किया था। इसके बाद जम्मू पुलिस और पंजाब एसआईटी ने मोहित से पूछताछ शुरू कर दी कि आरोपी लडक़ी के साथ उसके सम्बन्ध और उसे बार-बार फोन करने के पीछे उसका मक़सद क्या है?

इससे पहले चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा मोहाली के परिसर में आधी रात को बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन किया गया था, क्योंकि अधिकारियों के साथ उनकी बातचीत स्पष्ट रूप से विफल रही थी। छात्रों ने हमें न्याय चाहिए के नारे लगाये। विरोध-प्रदर्शन आरोपी के ख़िलाफ़ उसके साथी छात्रावास के साथियों के वीडियो बनाने और उन्हें हिमाचल प्रदेश के शिमला में एक व्यक्ति को भेजने के लिए किया गया था, जिसने कथित तौर पर इन वीडियो को इंटरनेट पर अपलोड किया था। छात्र उस समय सदमे की स्थिति में थे, जब उनमें से कुछ ने कथित तौर पर इस तरह के आपत्तिजनक वीडियो ऑनलाइन देखे। एक या दो छात्राओं को चौंकाने वाले अंतरराष्ट्रीय कॉल भी आये। उन्होंने कहा कि उनके अश्लील वीडियो इंटरनेट पर अपलोड कर दिये गये हैं। हॉस्टल में 60 लड़कियों के एमएमएस लीक होने की अफ़वाह उड़ी थी। आक्रोश को देखते हुए पंजाब सरकार ने इस मामले की जाँच के लिए तुरन्त एक विशेष जाँच दल (एसआईटी) का गठन करने की घोषणा कर दी। जैसे ही यह ख़बर जंगल की आग की तरह फैली, देश के कई हिस्सों से घबराये माता-पिता अपनी बेटियों / बेटों को छात्रावास से वापस लेने के लिए मोहाली पहुँच गये। घटना के प्रभाव को देखते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 25 सितंबर तक अध्ययन अवकाश घोषित कर दिया।

इस बीच पुलिस द्वारा जाँच किये जा रहे एक लीक वीडियो में संदिग्ध महिला साथी छात्रों के सामने यह स्वीकार करती नज़र आयी कि उन पर लड़कियों की आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो भेजने का दबाव बनाया जा रहा है। एसआईटी प्रभारी रूपिंदर कौर भट्टी ने कहा कि हम तथ्यों की पुष्टि कर रहे हैं। खरड़ की डीएसपी रूपिंदर कौर सोही ने भी मामले की जाँच के लिए यूनिवर्सिटी परिसर का दौरा किया। साथ ही फॉरेंसिक साइंस लैब के उप निदेशक अश्विनी कालिया के नेतृत्व में विशेषज्ञों ने ली कार्बूजिए गल्र्स हॉस्टल के डी ब्लॉक में कॉमन बाथरूम की जाँच की।

पुलिस ने तीन संदिग्धों, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की वीडियो बनाने वाली आरोपी छात्र और हिमाचल के दो युवकों को गिरफ़्तार किया, जिन्हें बाद में सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया; के साथ साथ एक अन्य लडक़ी की तस्वीर के साथ चौथे संदिग्ध की भूमिका की भी जाँच शुरू कर दी। पुलिस के अनुसार, आरोपी एमबीए प्रथम वर्ष का छात्र था।

कई प्रदर्शनकारी छात्रों ने कथित तौर पर दावा किया कि वीडियो वायरल होने के बाद छात्रावास में रहने वाली कुछ छात्राओं ने आत्महत्या का प्रयास किया। लेकिन पुलिस और यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने आत्महत्या के प्रयास के दावे का ज़ोरदार खण्डन किया।

मोहाली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) विवेक सोनी ने भी वीडियो लीक के बाद मौत, चोट या आत्महत्या के प्रयास की किसी भी घटना से इनकार किया और कहा कि केवल एक लडक़ी बेहोश हुई थी, जिसे तुरन्त अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह स्थिर थी। पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और मोबाइल फोन अपने क़ब्ज़े में ले लिए और उन्हें फोरेंसिक जाँच के लिए भेज दिया।

एसएसपी सोनी ने कहा कि आरोपी छात्रा ने कहा कि उसने केवल अपने दोस्त को अपनी तस्वीरें भेजीं; लेकिन वे यह सत्यापित करने की कोशिश कर रहे थे कि क्या उसने अन्य लड़कियों की भी तस्वीरें भेजी गयी हैं? पुलिस के अनुसार, उन्होंने इस दावे की पुष्टि करने की कोशिश की कि वीडियो लीक करने के आरोपी छात्र को एक व्यक्ति ब्लैकमेल कर रहा था। महिला के ख़िलाफ़ खरड़ सदर थाने में भारतीय दण्ड संहिता की धारा-354(सी) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा-66(ई) (गोपनीयता के उल्लंघन के लिए सज़ा) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी लडक़ी ने आत्महत्या का प्रयास नहीं किया था। साथ ही घटना में किसी भी लडक़ी को किसी अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया। उसके अनुसार, अन्य छात्राओं के आपत्तिजनक वीडियो शूट करने की सभी बातें पूरी तरह से झूठी और निराधार थीं। किसी भी छात्र का ऐसा कोई वीडियो नहीं मिला, जो आपत्तिजनक हो; सिवाय एक लडक़ी द्वारा स्वयं शूट किये गये एक निजी वीडियो के, जिसे उसने अपने प्रेमी के साथ साझा किया था। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने घटना पर खेद जताया और मामले की उच्च स्तरीय जाँच के आदेश दिये। उन्होंने कहा- ‘चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की घटना के बारे में सुनकर दु:ख हुआ। हमारी बेटियाँ हमारी शान हैं। घटना की उच्च स्तरीय जाँच के आदेश दिये गये हैं। हम दोषी व्यक्तियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करेंगे। मैं लगातार प्रशासन के सम्पर्क में हूँ, और मैं आप सभी से अफ़वाहों से बचने की अपील करता हूँ।’

इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा कि घटना बहुत गम्भीर और शर्मनाक है। उन्होंने दोषियों को कड़ी-से-कड़ी सज़ा देने का वादा भी किया। उधर भाजपा नेता सोम प्रकाश ने दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की माँग की। उन्होंने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। पुलिस को इस घटना में शामिल लोगों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसी घटनाएँ दोबारा नहीं होनी चाहिए। इधर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रबंधन ने स्टाफ सदस्यों के साथ बैठक की और उनसे न घबराने की अपील की। प्रबंधन ने उन्हें मौज़ूदा संकट के दौरान सकारात्मक रहने को कहा।

एमएमएस कांड की जाँच जारी होने के साथ ही सनसनीख़ेज़ मामला पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय तक पहुँच गया है। उच्च न्यायालय के वकील जगमोहन सिंह भट्टी ने मामला दर्ज कर मामले की सीबीआई जाँच की माँग की है। भट्टी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी और पंजाब सरकार निष्पक्ष जाँच करने में पूरी तरह विफल रही है और साथ ही यूनिवर्सिटी के छात्रों को विरोध करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। पंजाब पुलिस को छात्रों पर किसी भी तरह का दबाव नहीं बनाना चाहिए। भट्टी ने कहा कि यह मामला छात्राओं की सुरक्षा से जुड़ा है और इसकी गहन जाँच होनी चाहिए।

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर सतनाम सिंह संधू ने कहा कि स्थापित चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी एक विशाल परिसर है। दावे के मुताबिक, इसमें भारत और विदेशों के 20,000 छात्र दाख़िल हैं। पंजाब में मोहाली ज़िले के खरड़ के घारूआँ में स्थित यूनिवर्सिटी में 4,000 लड़कियाँ विभिन्न पाठ्यक्रमों में पढ़ाई कर रही हैं। भारत में शीर्ष रैंक वाले निजी यूनिवर्सिटीज में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी क्यूएस वल्र्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में जगह बनाने वाली सबसे युवा यूनिवर्सिटी बन गयी है। पिछले कुछ साल में यह यूनिवर्सिटी तेज़ी से आगे बढ़ी है और यह भी चर्चा रही है कि वर्तमान घटना प्रतिद्वंद्वियों की तरफ़ से इसकी प्रगति को रोकने का जानबूझकर किया गया प्रयास था, क्योंकि वह इसकी तरक़्क़ी को ख़ुद के लिए ख़तरा मानते हैं।


“चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की घटना के बारे में सुनकर दु:ख हुआ। हमारी बेटियाँ हमारी शान हैं। घटना की उच्च स्तरीय जाँच के आदेश दिये गये हैं। हम दोषी व्यक्तियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करेंगे। मैं लगातार प्रशासन के सम्पर्क में हूँ, और मैं आप सभी से अफ़वाहों से बचने की अपील करता हूँ।“
भगवंत मान
मुख्यमंत्री, पंजाब