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यूपी एसटीएफ के एनकाउंटर में वांटेड क्रिमिनल मोहम्मद गुफरान हुआ ढेर

यूपी पुलिस ने मंगलवार को वांटेड क्रिमिनल मोहम्मद गुफरान को एनकाउंटर में मार गिराया है। यह एनकाउंटर यूपी के कौशांबी जिले में हुआ। गुफरान हत्या और डकैती के एक दर्जन के करीब मामलों में फरार चल रह था।

कौशांबी में यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के साथ मुठभेड़ में सुबह करीब 5 बजे गुफरान को गोली लगी। हालांकि उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों में उसे वहां मृत घोषित कर दिया।

गुफरान पर हत्या, लूट और डकैती के करीब 13 से अधिक मामले दर्ज हैं। गुफरान पर प्रयागराज और सुल्तानपुर पुलिस ने 1 लाख 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।

कौशांबी के एसपी ब्रिजेश श्रीवास्तव ने कहा कि, कौशांबी के मंझनपुर के समदा चीनी मिल के पास यूपी एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मो. गुफरान नाम का अपराधी मारा गया है। उस पर 1 लाख 25 हजार रुपये का इनाम था।

गुफरान ने 24 अप्रैल को प्रतापगढ़ में डकैती की थी। और इस डकैती का सीसीटीवी फुटेज सामने आया था। गुफरान पर एडीजी जोन प्रयागराज ने 1 लाख और सुल्तानपुर पुलिस अधिकारियों ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया हुआ था।

बता दें, पुलिस को सूचना मिली की गुफरान अपने साथी के साथ बाइक पर जा रहा है तभी एसटीएफ ने घेराबंदी की। पुलिस ने खदेरी नदी के किनारे शुगर मिल के पास उसे घेर लिया। इसके बाद पुलिस ने गुफरान पर फायरिंग शुरू कर दी जिसमें जवाबी फायरिंग में उसे गोली लगी।

हालांकि गुफरान का साथी मौके पर से भाग गया। लेकिन गुफरान के पास से पुलिस को एक कार्बाइन, एक पिस्टल, 10 जिंदा व 7 खोखा कारतूस प्राप्त हुए है।

प्रगति मैदान सुरंग में चार बदमाशो ने की दिन दहाड़े लूट: दिल्ली

दिल्ली में शनिवार को प्रगति मैदान सुरंग के अंदर सरेआम लूट हुर्इ है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस कर रही है किंतु फिलहाल गिरफ्तारी को लेकर किसी भी तरह का अपडेट नहीं आया है।

घटना की जानकारी साझा कर दिल्ली पुलिस ने बताया कि बाइक सवार चार अज्ञात बदमाशों ने गुड़गांव जा रहे एक डिलीवरी एजेंट और उसके सहयोगी से बंदूक की नोक पर 2 लाख रुपये लूट लिए।

वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि चार लुटेरों में से एक बंदूक की नोक पर गाड़ी की पीछे वाली सीट से एक बैग निकालता है और चारों लोग फरार हो जाते हैं।

राजधानी के बीचों-बीच हुर्इ लूट की घटना पर कांग्रेस ने सवाल उठाए है और वीडियो ट्वीट कर गृहमंत्री अमित शाह से सवाल किया कि, “आखिर उनकी पुलिस क्या कर रही है? अमित शाह जी.. दिल्ली के प्रगति मैदान टनल में दिन दहाड़े कुछ बाइक सवार आते हैं। कार रोकते हैं और कार सवार से 2 लाख रुपए लूट ले जाते हैं। देश की राजधानी में ये हो रहा है। देख रहे हैं ना आप?”

भाजपा के राज्यसभा सांसद हरद्वार दुबे का 74 वर्ष की आयु में निधन

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ और राज्यसभा सांसद हरद्वार दुबे का सोमवार को निधन हो गया। हरद्वार दुबे उत्तर प्रदेश के आगरा में छावनी विधानसभा सीट से दो बार विधायक भी रहे हैं।

दिल्ली के अस्पताल में 74 साल के वरिष्ठ नेता हरद्वार दुबे का काफी समय से इलाज चल रहा था और यही उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की सूचना से आगरा समेत आसपास के इलाकों में शोक है।

सीएम योगी ने शोक जताते हुए ट्वीट कर कहा कि, “माननीय राज्यसभा सांसद, पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार हरिद्वार दुबे जी का निधन अत्यंत दु:खद है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। प्रभु श्री राम दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दु:ख सहने की शक्ति दें।”

बता दें, हरद्वार दुबे यूपी में कल्याण सिंह सरकार में वित्त मंत्री भी रहे हैं। सीतापुर और अयोध्या समेत कई जिलों में संघ के प्रचारक रहे। 2020 में भाजपा ने उन्हें राज्यसभा भेजा। दुबे ने ब्राह्मण वोटरों को साधने में अहम भूमिका भी निभाई है। 

अमेरिका, मिस्र की यात्रा से लौटे पीएम मोदी; एयरपोर्ट पर जबरदस्त स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका और मिस्र की यात्रा के बाद स्वदेश लौट आये हैं। पालम हवाई अड्डे पर उनका पार्टी नेताओं और अधिकारियों ने भव्य स्वागत किया। उनके स्वागत के लिए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई लोग उपस्थित थे।

मिस्र यात्रा से वापसी पर मोदी ने ट्वीट में कहा – ‘मिस्र की मेरी यात्रा ऐतिहासिक रही। इससे भारत-मिस्र संबंधों में नयी ऊर्जा आएगी और हमारे देशों के लोगों को फायदा होगा। मैं राष्ट्रपति अल-सीसी, सरकार और मिस्र के लोगों को उनके स्नेह के लिए धन्यवाद देता हूं।’

मोदी ने इससे पहले कहा कि भारत और अमेरिका की दोस्ती दुनिया की भलाई के लिए एक शक्ति है और यह धरती को बेहतर बनाएगी। मोदी का यह बयान अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के उस ट्वीट के जवाब में आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका और भारत के बीच मित्रता दुनिया में सबसे अधिक अहम है।

बाइडन ने पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा का एक वीडियो मेंटाज साझा करते हुए ट्वीट किया – ‘अमेरिका और भारत के बीच की दोस्ती दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण है और यह पहले से कहीं अधिक प्रगाढ़, करीबी और अधिक गतिशील है।’ इस ट्वीट के जवाब में मोदी ने ट्वीट में कहा – ‘मैं आपसे पूरी तरह से सहमत हूं। हमारे देशों के बीच मित्रता वैश्विक अच्छाई के लिए एक शक्ति है। यह धरती को बेहतर बनाएगी। मेरी हाल की अमेरिका यात्रा से हमारा बंधन और भी मजबूत होगा।’

मोदी ने 20 जून को अपनी पांच दिवसीय यात्रा शुरू की थी। उन्होंने 21-24 जून तक अमेरिका का दौरा किया। उनकी अमेरिका यात्रा न्यूयॉर्क से शुरू हुई, जहां उन्होंने 21 जून को नौवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक ऐतिहासिक कार्यक्रम का नेतृत्व किया।

इसके बाद मिस्र यात्रा में मोदी ने देश की 11वीं सदी की ऐतिहासिक अल-हाकिम मस्जिद का दौरा किया, जिसका दाऊदी बोहरा समुदाय की मदद से जीर्णोद्धार किया गया था। उन्होंने काहिरा में हेलियोपोलिस राष्ट्रमंडल युद्ध कब्रिस्तान का भी दौरा किया और प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान मिस्र और अदन में बलिदान देने वाले 4,300 से अधिक वीर भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। वह गीज़ा के पिरामिड को भी देखने गए।

नवाज़ शरीफ के पाकिस्तान लौटने का रास्ता साफ़, अयोग्यता विधेयक पारित

एक तरह से पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के पाकिस्तान वापस लौटने का रास्ता साफ़ करते हुए पाकिस्तान की सीनेट ने वह विधेयक पारित कर दिया है जिससे कोई भी सांसद जीवन भर के लिए अयोग्य नहीं होगा। यह अवधि अब पांच साल कर दी गयी है।

बता दें नवाज शरीफ (73) को 2017 में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने अयोग्य ठहराया था और 2018 में, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वह जीवन भर सार्वजनिक पद संभालने के लिए अयोग्य हो गए थे। हालांकि, इस अवधि को नए विधेयक में पांच साल का कर दिया गया है जिससे उनका घर वापसी का रास्ता साफ़ हो गया है।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवंबर 2019 से चिकित्सा उपचार के लिए लंदन में रह रहे हैं। शरीफ, तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। सीनेट ने सांसदों की अयोग्यता को पूर्वव्यापी प्रभाव से पांच साल तक सीमित करने वाला विधेयक पारित कर दिया।

यह मान जा रहा है कि इस साल के आखिर में पाकिस्तान में जो चुनाव होंगे उसमें अपनी  नवाज़ शरीफ ही करेंगे। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के अपने बड़े भाई और पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ से लंदन से लौटकर आम चुनाव में पार्टी के चुनाव अभियान का नेतृत्व करने के आग्रह के बाद यह विधेयक पास हुआ है। विपक्ष ने, हालांकि, इस का विरोध किया है और कहा है कि यह सब नवाज़ शरीफ को बचाने के लिए किया गया है।

वागनर विद्रोह की ‘जानकारी’ के बावजूद अमेरिकी खुफिया तंत्र ‘चुप’ रहा: रिपोर्ट

येवगेनी प्रिगोझिन के नेतृत्व वाली वागनर ग्रुप की निजी सेना के रूस के खिलाफ विद्रोह से पीछे हटने के बाद रूस ने साफ़ किया है कि इस घटनाक्रम के बावजूद उसका यूक्रेन में आपरेशन जारी रहेगा। उधर रूस की सरकारी समाचार एजेंसी स्पुतनिक न्यूज की सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट के मुताबिक वागनर ग्रुप और उसके संस्थापक के विद्रोह की तैयारी के बारे में जानकारी होने के बावजूद, अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने कथित तौर पर इस चिंता के कारण चुप रहने का विकल्प चुना कि मॉस्को उन पर ‘तख्तापलट की कोशिश का आरोप’ लगा सकता है।

बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको, जिन्हें रूस के राष्ट्रपति पुतिन का मित्र माना जाता है, ने ‘बागी’ येवगेनी से बातचीत की थी। इस मध्यस्थता का अच्छा नतीजा निकला और प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए वागनर नेता ने तनाव कम करने का विकल्प चुना। इसके तुरंत बाद उन्होंने अपने लड़ाकों को वापस लौटने का निर्देश दिया। साथ ही येवगिनी ने बेलारूस जाने का फैसला किया है।

रूस की सरकारी समाचार एजेंसी स्पुतनिक न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस ने साफ़ किया है कि वर्तमान घटनाक्रम से उसके यूक्रेन में आपरेशन पर कोई असर नहीं पड़ेगा और वह जारी रहेगा। स्पुतनिक न्यूज के मुताबिक क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव से जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या वैगनर पीएमसी के साथ हुई घटनाओं का यूक्रेन में ऑपरेशन पर असर पड़ेगा, तो उनका जवाब था कि ‘किसी भी परिस्थिति में नहीं। यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान जारी है, अग्रिम पंक्ति में हमारे सैनिक वीरता का प्रदर्शन कर रहे हैं, वे यूक्रेन के सशस्त्र बलों के जवाबी हमले का काफी प्रभावी ढंग से और सफलतापूर्वक मुकाबला कर रहे हैं और ऑपरेशन जारी रहेगा।’

कई रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले एक साल में पुतिन ने जिस रणनीति के साथ यूक्रेन के बहाने पूरे नाटो का सामना किया है उससे यह साफ़ हुआ है कि उनकी युद्ध को लेकर बेहतर समझ जाहिर होती है। पश्चिम के कुछ मीडिया में पिछले घंटों में रूस के राष्ट्रपति पुतिन के देश छोड़ने की ख़बरें भी गलत साबित हुई हैं। सिर्फ 12 घंटे के भीतर पुतिन ने जिस तरह ‘विद्रोह’ को परास्त किया उनकी इस रणनीति से उनके और ताकतवर होने की संभावना है। रूस ने अपने देश में आईआरजीसी और अन्य मीडिया में पुतिन के देश से पलायन की ख़बरों को फर्जीवाड़ा बताते हुए इन्हें पूरी तरह खारिज किया है।

येवगेनी के ‘विद्रोह’ के बावजूद रूस में तमाम नेता, सेना, जनता और राज्यों के नेता पूरी ताकत से पुतिन के साथ खड़े रहे, जिससे संकेत मिलता है कि पश्चिमी मीडिया में पुतिन को लेकर रूस में ‘नाराजगी’ की जो ख़बरें आती रही हैं, वह सही नहीं हैं। स्पुतनिक न्यूज के मुताबिक येवगिनी के साथ समझौते में इस बात पर जोर दिया गया कि तनाव में शामिल वागनर सैनिकों पर मुकदमा नहीं चलाया जाएगा।

येवगेनी  प्रिगोझिन की स्थिति पर प्रवक्ता पेस्कोव ने कहा कि व्यवसायी को देश छोड़ने की अनुमति दी जाएगी। स्पुतनिक न्यूज के मुताबिक पेसकोव ने कहा कि प्रिगोझिन के खिलाफ आपराधिक मामला समाप्त कर दिया जाएगा और वह बेलारूस के लिए रवाना हो जाएंगे। उन्होंने कहा – ‘यदि आप पूछते हैं कि क्या गारंटी है कि प्रिगोझिन बेलारूस के लिए रवाना हो सकते हैं, तो बता दें कि यह रूसी राष्ट्रपति के शब्द हैं।’ पेसकोव ने प्रिगोझिन के साथ बातचीत में मध्यस्थता के लिए बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको को धन्यवाद दिया, जिसका उद्देश्य संघर्ष से बचने के उच्चतम लक्ष्य तक पहुंचना था।

इस बीच उधर रूस की सरकारी समाचार एजेंसी स्पुतनिक न्यूज ने सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट में दावा किया है कि वागनर ग्रुप और उसके संस्थापक के विद्रोह की तैयारी के बारे में जानकारी होने के बावजूद, अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने कथित तौर पर इस चिंता के कारण चुप रहने का विकल्प चुना कि मॉस्को उन पर ‘तख्तापलट की कोशिश का आरोप’ लगा सकता है।

उधर रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने स्पुतनिक न्यूज को बताया कि रूसी बलों ने आर्टेमोव्स्क के उत्तर में यूक्रेनी सैनिकों के तीन आक्रमण समूहों को आगे बढ़ने से रोक दिया है। आर्टेमोव्स्क को बखमुट के नाम से भी जाना जाता है। प्रवक्ता ने कहा कि यूक्रेनी सेना की हमले की कार्रवाई को छह अन्य गांवों के पास भी रोक दिया गया। प्रवक्ता ने कहा – ‘युग ग्रुप ऑफ फोर्सेज के उपखंडों ने बेरखोव्का की दिशा में दुश्मन के तीन हमलावर समूहों के आगे बढ़ने का पता लगने पर मोर्टार से रोक दिया गया। स्पुतनिक के मुताबिक रूसी सेना ने बखमुत क्षेत्र में सोलनत्सेपेक (ब्लेज़िंग सन) थर्मोबेरिक रॉकेट लॉन्चर का उपयोग करके यूक्रेनी पैदल सेना को भी निशाना बनाया। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेन ने 24 घंटे में डोनेट्स्क दिशा में 430 सैनिक खो दिया है।

पुतिन ने राष्ट्र को संबोधित किया, कहा सभी ताकतें मतभेद भुला एकजुट हों

रूस में चल रहे घटनाक्रम के बीच रूसी संघीय सुरक्षा सेवा (एफएसबी) ने वागनर ग्रुप की निजी सैन्य कंपनी (पीएमसी) के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन की ओर से दिए गए बयानों पर सशस्त्र विद्रोह को उकसाने के लिए एक आपराधिक मामला दर्ज़ किया है।रूस की सरकारी एजेंसी स्पुतनिक न्यूज के मुताबिक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अब से कुछ देर पहले राष्ट्र के नाम एक वीडियो संबोधन में कहा कि रूसी राष्ट्र के भाग्य का फैसला अभी किया जा रहा है। उन्होंने सभी ताकतों को एकजुट होने और किसी भी मतभेद को दूर करने की जरूरत जताई है।

पुतिन का यह संदेश इस मायने में महत्वपूर्ण है कि वागनर ग्रुप के मुखिया प्रिगोझिन ने कुछ इलाकों के अपने कब्जे में होने का दावा किया था। उधर अपने सम्बोधन में रूसी नेता पुतिन ने कहा कि वह रूसियों, सेना, सुरक्षा एजेंसियों और सभी लोगों को संबोधित कर रहे हैं जिन्हें धोखे और धमकियों से सशस्त्र विद्रोह के रास्ते पर धकेल दिया गया है।

रूस की सरकारी समाचार एजेंसी स्पुतनिक न्यूज डॉट इन के मुताबिक राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए पुतिन ने कहा – ‘मैं रूस के नागरिकों, सशस्त्र बलों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और विशेष सेवाओं के कर्मियों, सेनानियों और कमांडरों से अपील करता हूं जो अब अपने युद्धक स्थानों पर लड़ रहे हैं, दुश्मन के हमलों को नाकाम कर रहे हैं वे महान वीरता का परिचय दे रहे हैं।’

स्पुतनिक के मुताबिक पुतिन ने कहा कि उन्होंने आज फिर से सभी लाइनों के कमांडरों से बात की। पुतिन ने कहा ने कहा – ‘मैं उन लोगों से भी अपील करता हूं, जो धोखे या धमकी के माध्यम से इस आपराधिक कार्य में शामिल हो गए और सशस्त्र विद्रोह के गंभीर अपराध के रास्ते पर धकेल दिए गए।’

पुतिन ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति और कमांडर-इन-चीफ के रूप में, रूस के नागरिक के रूप मैं देश की रक्षा के लिए, संवैधानिक व्यवस्था, नागरिकों के जीवन, सुरक्षा और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए सब कुछ करूंगा। स्पुतनिक न्यूज के मुताबिक पुतिन ने कहा कि ‘उन्होंने रात में सभी दिशाओं के सैन्य कमांडरों से बात की। सेना बहादुरी से लड़ रही है। सशस्त्र बलों और अन्य राज्य निकायों को आवश्यक आदेश प्राप्त हो गए हैं, अब मॉस्को, मॉस्को क्षेत्र और कई अन्य क्षेत्रों में अतिरिक्त आतंकवाद विरोधी उपाय किए जा रहे हैं।’

रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि ‘जब रूस के लोगों के भाग्य का फैसला किया जा रहा हो तो विशेष सैन्य अभियान के दौरान किसी भी झगड़े को अलग रखा जाना चाहिए’। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी स्पुतनिक न्यूज डॉट इन के मुताबिक पुतिन ने कहा कि अत्यधिक महत्वाकांक्षा और व्यक्तिगत हितों ने रूस के साथ विश्वासघात को जन्म दिया है जिसके लिए वागनर समूह के सेनानियों और कमांडरों ने अन्य इकाइयों और टुकड़ियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई की और शहीद हुए। उन्होंने कहा कि विद्रोह के प्रयास के लिए ज़िम्मेदार सभी लोगों को अपरिहार्य सज़ा भुगतनी होगी और कानून और लोगों को जवाब देना होगा।

मोदी व्हाइट हाउस में सिलिकॉन वैली के अधिकारियों से मिले, अब मिस्र रवाना

पीएम नरेंद्र मोदी एक दिवसीय यात्रा पर अमेरिका से मिस्र के लिए रवाना हो गए हैं। मिस्र रवाना होने से पहले शुक्रवार को व्हाइट हाउस में सिलिकॉन वैली के शक्तिशाली अधिकारियों से मुलाकात की और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और उन्नत विनिर्माण पर आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने की मांग की। इस बीच पीएम की अमेरिका यात्रा को भारतीय अधिकारियों ने ‘ऐतिहासिक और मील का पत्थर’ करार दिया है।

व्हाइट हाउस के ईस्ट रूम में हुई इस बैठक में अल्फाबेट इंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचाई, माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सत्या नडेला और एप्पल इंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टिम कुक शामिल हुए, जो अपनी कंपनी के आईफोन की इकाइयों को भारत लेकर आने की बात कह चुके हैं। बैठक में टिक कुक पीएम मोदी के साथ ही बैठे।

प्रधानमंत्री ने इस दौरान कहा कि अमेरिकी प्रौद्योगिकी और भारतीय प्रतिभा का साथ आना उज्ज्वल भविष्य की गारंटी है। व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ ‘टेक्नोलॉजी हैंडशेक’ कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- ‘यह सुबह कुछ ही मित्रों के साथ शुरू हुई है लेकिन यह उज्ज्वल भविष्य की गारंटी लेकर आई है।’
समारोह में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन की उपस्थिति पर आभार प्रकट करते हुए मोदी ने कहा – ‘यह राष्ट्रपति बाइडन की दृष्टि और उनकी ताकत और भारत की आकांक्षाओं और संभावनाओं को लेकर आगे बढ़ने का बड़ा अवसर है।’ मोदी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि राष्ट्रपति बाइडन के नेतृत्व में प्रौद्योगिकी के महत्व को समझते हुए अमेरिका ने इस क्षेत्र में प्रगति की है। ‘भारत का युवा आज विश्व में अपनी पहचान बना रहा है। ऐसे में भारतीय प्रतिभा और अमेरिकी प्रौद्योगिकी का यह मिलन एक उज्ज्वल भविष्य के लिए गारंटी लेकर आया है’।

उधर बाइडेन ने कहा – ‘हमारे देश नवाचार और सहयोग को एक नए स्तर पर ले जा रहे हैं। हमें आपकी मदद की ज़रूरत है, और मैं इस टेबल पर मौजूद भारतीय और अमेरिकी सीईओ से बात कर रहा हूं, हमें इस पल का फायदा उठाने, हमारे समाजों, हमारी अर्थव्यवस्थाओं और हमारे देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जोखिमों का प्रबंधन करने में मदद करने के लिए आपकी मदद की ज़रूरत है। नवाचार और सहयोग शायद ही कभी बाधाओं के बिना होते हैं, और इसलिए आप हमारी महत्वाकांक्षाओं को बढ़ाते हैं और मैं चाहता हूं कि आप हमें बताएं कि हमारी महत्वाकांक्षाओं के रास्ते में क्या बाधा है।’

वागनर ग्रुप की ‘बगावत’ के बीच रूस ने कहा ‘विद्रोह के वीडियो सच नहीं’

रूस में वागनर ग्रुप के मुखिया येवगेनी प्रिगोझिन की रूसी रक्षा मंत्रालय के विरुद्ध  बगावत की ख़बरों के बीच रूस की सरकारी एजेंसी स्पुतनिक न्यूज ने कहा है कि सोशल मीडिया पर जारी विद्रोह के वीडियो सच नहीं हैं और उकसाने वाले हैं। उधर कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कथित विद्रोह को देखते हुए क्रेमलिन में टैंक तैनात किये गए हैं। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि रूस ने येवगिनी के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश सेना को दिया है।

रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि वागनर ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन ने कथित रूप से कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए हैं, जिनमें उसने रूस के रक्षा मंत्री को चुनौती देते हुए उन्हें पद से हटाने का एलान किया है। रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि येवगेनी ने अपने लड़ाकों को रूसी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय रोस्तोव-ऑन-डॉन पर कब्जे के लिए अपने सैनिकों को रवाना कर दिया है और मास्को में टैंकों की तैनाती कर दी गई है। बैगनर ग्रुप को राष्ट्रपति पुतिन की ‘निजी सेना’ भी कहा जाता रहा है।

उधर रूस की सरकारी समाचार एजेंसी स्पुतनिक न्यूज डॉट इन ने सोशल मीडिया में चल रहे वीडियो को भ्रामक बताया है और कहा है कि यह सच नहीं है। स्पुतनिक न्यूज ने रूस के रक्षा मंत्रालय के हवाले से कहा – ‘रूसी सशस्त्र बल विशेष सैन्य अभियान के क्षेत्र में यूक्रेनी सशस्त्र बलों के साथ संपर्क लाइन पर लड़ाकू अभियानों को अंजाम देना जारी रखे हुए हैं। वैगनर पीएमसी के कथित रूप से रूसी सशस्त्र बलों पर हमलों के बारे में येवगेनी प्रिगोझिन के नाम से सोशल मीडिया पर प्रसारित सभी संदेश और वीडियो सच नहीं हैं और यह जानकारी उकसाने वाली है।’

इस बीच क्रेमलिन के कहा है कि ‘रूसी अभियोजक जनरल इगोर क्रास्नोव ने प्रिगोझिन के मामले के संबंध में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को एक रिपोर्ट दी है।’ उधर स्पुतनिक ग्लोबल के मुताबिक फेडरल सिक्योरिटी सर्विस (एफएसबी) ने शुक्रवार को वागनर ग्रुप के मुखिया येवगेनी के नाम से विद्रोह के संदेश सोशल मीडिया में चलाने को लेकर आपराधिक मामला दर्ज किया है। एफएसबी ने कहा कि रूसी क्षेत्र में एस्केलेशन का खतरा है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने भी कहा कि पीएमसी वागनर के शिविरों के खिलाफ रूसी सेना के हमले की ख़बरें सही नहीं हैं। इस बीच रूस की तरफ से शनिवार सुबह कहा गया है देश के कई हिस्सों में सुरक्षा बढ़ा दी गयी है।

इस बीच बीबीसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेन में पूर्व अमेरिकी राजदूत बिल टेलर ने उसे बताया है कि रूसी सैन्य नेतृत्व के खिलाफ येवगेनी प्रिगोझिन का घोषित कदम ‘लगभग निश्चित रूप से तख्तापलट का प्रयास’ है। बीबीसी रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘यह पुतिन के लिए गंभीर है। रूसी इसे बहुत गंभीरता से ले रहे हैं, और ऐसा लगता है कि उन्हें ऐसा करना चाहिए।’

लेकिन टेलर, जो पिछले महीने यूक्रेन में थे, का कहना है कि वागनर के सफल होने की संभावना नहीं है। वे कहते हैं, ‘रक्षा मंत्रालय के पास उपकरण हैं, विमान हैं, टैंक हैं – उनके पास प्रिगोझिन की सेना को मात देने के लिए बड़ी संख्या में सैन्य उपकरण हैं।’

आप ने रखी शर्त यदि कांग्रेस अध्यादेश का विरोध नहीं करेगी तो अगली मीटिंग में जाना मुश्किल

विपक्षी पार्टियों की पहली आधिकारिक बैठक पटना में आज सम्पन्न हुई। जहां सभी पार्टी के नेता नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए नजर आए और एकजुट होकर लोकसभा चुनाव लड़ने की बात करते नजर आए वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी से अलग ही बयान सामने आ रहे है।

आप का कहना है कि जिस मीटिंग में कांग्रेस पार्टी हिस्सा लेगी वहां पर आम आदमी नहीं जाएगी। सूत्रों के अनुसार आप अध्यादेश विवाद पर खफा हो गई है और उसने विपक्षी बैठक के बाद यह बयान जारी किया है।

आम आदमी पार्टी की तरफ से कहा गया है कि कांग्रेस जब तक पब्लिक में इस अध्यादेश का विरोध नहीं करती तब तक आप के लिए विपक्षी एकता वाली किसी भी उस बैठक में हिस्सा लेना मुश्किल रहेगा जहां कांग्रेस होगी।

आप पार्टी ने दावा किया है कि बैठक के दौरान 11 दलों ने काले अध्यादेश का खुलकर खिलाफ समर्थन किया किंतु कांग्रेस ने इस पर अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी।

आपको बता दें, आप पार्टी की एकजुटता इसलिए भी अहम है क्योंकि पंजाब और दिल्ली में भाजपा के खिलाफ आप मजबूत है। और 20 से ज्यादा लोकसभा सीटों पर उसकी उपस्थिति मायने रखती है।

क्या है अध्यादेश विवाद ?

कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ कर दिया था कि कानून व्यवस्था, जमीन और पुलिस छोड़कर बाकी सभी अधिकार दिल्ली सरकार के पास रहेंगे। अधिकारियों की पोस्टिंग की ताकत भी दिल्ली सरकार को दे दी गई थी किंतु कोर्ट ने फैसले के बाद केंद्र सरकार एक अध्यादेश लेकर आई जिस वजह से अधिकारियों की पोस्टिंग की ताकत फिर से दिल्ली सरकार से छिन गई।

अध्यादेश में कहा गया है कि तीन सदस्यों की एक टीम बनाई जाएगी। यह टीम किसी भी अधिकारी की पोस्टिंग या ट्रांसफर कर सकेगी किंतु अंतिम मुहर लगाने का एलजी के दे दिया गया था।