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आज भारत का बैंकिंग सेक्टर मजबूत, नौ साल पहले ऐसा नहीं था : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि आज भारत उन देशों में से एक है, जहां का बैंकिंग सेक्टर सबसे मजबूत माना जाता है, लेकिन 9 वर्ष पहले ऐसी स्थिति नहीं थी। मोदी ने यह बात रोजगार मेले के अवसर पर कही जिसमें उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये 70,000 से अधिक युवाओं को नियुक्ति-पत्र वितरित किए।

पीएम ने कहा कि देश की युवा प्रतिभाओं को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर मिलें, इसके लिए रोजगार मेलों ने अपनी एक अहम पहचान बनाई है। पीएम मोदी ने रोजगार मेले में युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमें भारत के प्रति विश्व के भरोसे और आकर्षण का पूरा इस्तेमाल करना होगा।

मोदी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा – ‘आज भारत उन देशों में से एक है, जहां का बैंकिंग सेक्टर सबसे मजबूत माना जाता है, लेकिन 9 वर्ष पहले ऐसी स्थिति नहीं थी। जब सत्ता का स्वार्थ राष्ट्रहित पर हावी होता है, तब किसी बर्बादी होती है, कैसा विनाश होता है, इसके कईं उदाहरण देश में है।’

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक पहले हजारों करोड़ रुपये के घाटे और एनपीए के लिए जाने जाते थे, लेकिन अब वे लाभ के लिए जाने जाते हैं। मोदी ने कहा कि फोन बैंकिंग घोटाला पिछली सरकार के सबसे बड़े घोटालों में एक था, इसने बैंकिंग प्रणाली की कमर तोड़ दी थी।

गहलोत ने मंत्री को बर्खास्त किया, गुढ़ा बोले उन्हें ‘सच बोलने की सजा मिली’

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को अपने एक मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को बर्खास्त कर दिया। गुढ़ा ने शुक्रवार को विधानसभा में महिला अत्याचार के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को घेरा था। बर्खास्तगी के बाद मंत्री ने कहा कि ‘उन्हें सच बोलने की सजा मिली है’।  

गुढ़ा के शुक्रवार को विधानसभा में महिला अत्याचार के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को घेरने के कुछ ही घंटे के बाद गहलोत ने उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया था। गहलोत ने राज्यपाल से गुढ़ा को बर्खास्त करने की अनुशंसा की थी जिसे राज्यपाल ने तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया।

बता दें गुढ़ा ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा था कि ‘राजस्थान में, ये सच्चाई है कि हम महिलाओं की सुरक्षा में असफल हो गए, और राजस्थान में जिस तरह से अत्याचार बढ़े हैं महिलाओं के ऊपर, मणिपुर के बजाय हमें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।’

इसके बाद सदन में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में राजस्थान पहले नंबर पर है। राजस्थान विधानसभा में राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक 2023 पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के विधायकों ने मणिपुर में हिंसा के मुद्दे पर तख्तियां लहराई थीं। उधर पद से बर्खास्त होने के बाद गुढ़ा ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें सच बोलने की सजा मिली है। 

बेलारूस के खिलाफ यूक्रेनी आक्रामकता को रूस के खिलाफ माना जाएगा: पुतिन

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शनिवार को कहा कि रूसी सेना के मोर्चे को तोड़ने के लिए हथियारों की आपूर्ति और विदेशी भाड़े के सैनिकों और सलाहकारों की मदद से कीव को कोई फायदा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यूक्रेन अब तक के संघर्ष के नतीजों से निराश है। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने शुक्रवार को यूनाइटेड किंगडम में अपने राजदूत वादिम प्रिस्टाइको को बर्खास्त कर दिया।

रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि यह स्पष्ट है कि किव शासन के पश्चिमी समर्थक यूक्रेन की तरफ से लंबे समय से प्रतीक्षित जवाबी हमलों के नतीजों से स्पष्ट रूप से निराश हैं। रूस की सरकारी एजेंसी स्पुतनिक न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन ने कहा कि इस दौरान यूक्रेनी सशस्त्र बलों की संरचनाओं को भारी नुकसान हुआ हैं।

पुतिन ने कहा कि पश्चिम में उत्पादन क्षमताएं कीव द्वारा उपकरणों की खपत की भरपाई करने में सक्षम नहीं हैं और उन्हें संसाधनों और समय की जरूरत है। स्पुतनिक न्यूज ने पुतिन के हवाले से कहा कि यूक्रेनी लोगों की राय धीरे-धीरे बदल रही है और  यूरोप की तरह ही शांत हो रही है।

स्पुतनिक न्यूज के मुताबिक पुतिन ने कहा कि पूर्वी यूरोपीय नेताओं की महत्वाकांक्षाओं का उपयोग करके युद्ध की आग को तीव्रता से भड़काया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन द्वारा बेलारूस के खिलाफ आक्रामकता दिखाने का मतलब रूस के खिलाफ आक्रामकता होगा।

पुतिन ने कहा कि कीव शासन हजारों विदेशी भाड़े के सैनिकों और सलाहकारों को भेजने के बावजूद अपना कोई लक्ष्य हासिल नहीं कर सका है। स्पुतनिक न्यूज के मुताबिक प[उठीं ने कहा कि न ही यूक्रेन को पश्चिम के विशाल संसाधनों, पश्चिमी हथियारों, टैंकों, तोपखाने, बख्तरबंद वाहनों, मिसाइलों की आपूर्ति से कोई फायदा हुआ है जिनको हमारी सेना के मोर्चे को तोड़ने के लिए सक्रिय रूप से उपयोग किया गया था।

यूक्रेनी राजदूत बर्खास्त
उधर सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने शुक्रवार को यूनाइटेड किंगडम में अपने राजदूत वादिम प्रिस्टाइको को बर्खास्त कर दिया। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, ज़ेलेंस्की ने ये कदम यूके के रक्षा सचिव को लेकर की गई वादिम की टिप्‍प‍णी के बाद उठाया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति पद की वेबसाइट पर शुक्रवार को प्रकाशित एक बयान में वादिम प्रिस्टाइको की बर्खास्तगी की पुष्टि की गई, हालांकि, कोई कारण नहीं बताया गया है।

वादिम प्रिस्टाइको पूर्व उप प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं। उनकी गिनती अनुभवी राजनयिकों में होती है। पिछले तीन साल से वादिम प्रिस्‍टाइको ने ब्रिटेन में राजदूत के रूप में पद संभाल रखा था।

सीएनएन के मुताबिक सरसल जे़लेंस्‍की को अपने ऊपर की गई वादिम की टिप्पणी रास नहीं आई। वादिम प्रिस्टाइको ने कुछ दिनों पहले सार्वजनिक रूप से जेलेंस्की की आलोचना की थी। तभी से आशंका जताई जा रही थी कि जेलेंस्की अब वादिम के खिलाफ कोई कदम उठाएंगे। जेलेंस्की के कार्यालय से जारी एक आदेश में कहा गया है कि वादिम प्रिस्टाइको को अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन में यूक्रेन के प्रतिनिधि के पद से भी हटा दिया गया है, लेकिन बर्खास्तगी का कोई कारण नहीं बताया गया है। 

दिल्ली एयरपोर्ट पर पकड़ी गयी 10 करोड़ रूपये की विदेशी करंसी

दिल्ली एयरपोर्ट पर अब तक की विदेशी करंसी की सबसे बड़ी खेप पकड़ी गयी है। इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय जवाई अड्डे के टर्मिनल 3 पर 10 करोड़ की यह विदेशी करंसी तीन तज़ाक नागरिकों से बरामद हुई जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।

कस्टम विभाग के मुताबिक विदेशी करेंसी के साथ तीन तजाकिस्तानी नागरिकों को भी गिरफ्तार किया गया है जो इस्तांबुल जा रहे थे। दिल्ली एयरपोर्ट पर पकड़ी गयी विदेशी करंसी की यह अब तक की सबसे बड़ी खेप है।

कस्‍टम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक पकड़े गए आरोपियों में एक नाबालिग है।  उन्होंने बताया कि विदेशी मुद्रा सामान में रखे जूतों के अंदर छिपाई गई थी। एयरपोर्ट से 10 करोड़ से ज्यादा कीमत के यह विदेशी नोट जब्त हुए हैं।

एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 पर जब 3 तजाकिस्‍तानी नागरिकों के बैग की तलाशी ली गई, तब उनके पास से 7,20,000 अमेरिकी डॉलर और 4,66,200 यूरो बरामद हुए। पकड़ी गयी करंसी 10 करोड़ भारतीय रुपये के बराबर है। 

सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी मानहानि के मामले में पूर्णेश मोदी को नोटिस किया जारी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मोदी सरनेम वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। मानहानि मामले में गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ गांधी को दोषी ठहराने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार और शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी को नोटिस जारी कर 10 दिन में जवाब देने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी।

गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज जस्टिस बीआर गवई और प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने सुनवाई की।

बता दें, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने 15 जुलाई को मामले की तुरंत सुनवाई की याचिका लगाई थी और कोर्ट ने 18 जुलाई को स्वीकार कर लिया था। हालांकि उनसे पहले राहुल पर केस करने वाले भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने भी कैविएट दाखिल कर अपील की थी।

महाराष्ट्र के रायगढ़ में भूस्खलन से कई घर तबाह, 16 आदिवासियों की मौत

महाराष्ट्र में रायगढ़ जिले के एक आदिवासी गाँव में बड़े स्तर पर भूस्खलन से कम से कम 16 लोगों की मौत हो गयी है जबकि कई लोग अभी मलबे में दबे हुए हैं। कमोवेश पूरा गांव प्रभावित हुआ है और करीब 17 घर पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। बड़े स्तर पर बचाव अभियान शुरू किया गया है।

इस घटना में 21 लोगों को बचाया गया है। एनडीआरएफ के अधिकारियों के मुताबिक भूस्खलन बुधवार रात करीब 11 बजे मुंबई से लगभग 80 किलोमीटर दूर खालापुर तहसील के इरसालवाडी गांव में हुआ जो ढलान पर है। लगातार बारिश के चलते घटना में 17 घर पूरी तरह तबाह हो गए। गांव में कुल 50 घर हैं।

पहाड़ी की तलहटी से इरसालवाडी गांव पहुंचने में करीब डेढ़ घंटे का वक्त लगता है क्योंकि वहां पक्की सड़क नहीं है। एनडीआरएफ और पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटनास्थल से 16 शव निकाले गए हैं, जबकि 21 लोगों को बचाया गया है। रायगढ़ पुलिस ने बताया कि 13 शवों का आपदा स्थल पर ही अंतिम संस्कार कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे स्थिति का जायजा लेने के लिए सुबह घटनास्थल पर पहुंचे और बचाव कार्य में लगे कर्मियों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार क्षेत्र में बचाव और राहत अभियान चलाने के लिए सभी प्रयास कर रही है। शिंदे ने पत्रकारों को यह गांव भूस्खलन संभावित गांवों की सूची में नहीं था और अब हमारी प्राथमिकता मलबे में फंसे लोगों को बचाना है। 

जयपुर में भूकंप के एक के बाद तीन झटके, नुकसान की जानकारी नहीं

जयपुर में शुक्रवार तड़के भूकंप के लगातार तीन झटकों ने लोगों में दहशत भर दी। कोई 16 मिनट के भीतर यह तीन झटके आये जिसके बाद झटकों से लोग सहम गए और घरों से बाहर भागे। रिक्टर स्केल पर सबसे तीव्र भूकंप 4.4 मापा गया है। किसी तरह के जान-माल की खबर नहीं है।

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (एनसीएस) के मुताबिक 3.4 तीव्रता का भूकंप सुबह लगभग सवा 4 बजे आया। ये 10 किलोमीटर की गहराई पर था। इससे पहले 3.1 तीव्रता का भूकंप सुबह 4.22 बजे 5 किलोमीटर की गहराई पर महसूस किया गया था जिसकी तीव्रता 4.4 थी’।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जानकारी मिलते ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी तरह के नुकसान की स्थिति में लोगों की तुरंत मदद की जाए। उन्होंने अधिकारियों से भूकंप को लेकर जानकारी ली। उन्होंने कहा कि किसी के हताहत होने या किसी तरह के क्षति की कोई खबर सामने नहीं आई है।

भूकंप के झटकों पर प्रतिक्रिया देते हुए राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्वीट किया – ‘जयपुर सहित राज्य के अन्य स्थानों पर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।  मुझे आशा है कि आप सभी सुरक्षित हैं।’

सर्वोच्च अदालत में राहुल गांधी मानहानि के मामले में आज की जाएगी सुनवाई

सर्वोच्च न्यायालय में आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मानहानि मामले में दायर याचिका पर सुनवाई होगी। राहुल गांधी ने यह याचिका मोदी सरनेम मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार करने वाले गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर की है।

राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने 18 जुलाई को मामले का उल्लेख किया था और याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था। इसके बाद  प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई थी।

गांधी ने याचिका में कहा है कि यदि सात जुलाई के आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो इससे ‘स्वतंत्र भाषण, स्वतंत्र अभिव्यक्ति, स्वतंत्र विचार और स्वतंत्र वक्तव्य’ का दम घुट जाएगा। राहुल गांधी ने 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान टिप्पणी की थी कि ‘सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही क्यों होता है?’ इस टिप्पणी को लेकर गुजरात सरकार के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने गांधी के खिलाफ 2019 में आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था।

 कांग्रेस नेता ने याचिका में कहा कि यदि उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक नहीं लगाई गई, तो यह लोकतांत्रिक संस्थाओं को व्यवस्थित तरीके से, बार-बार कमजोर करेगा और इसके परिणामस्वरूप लोकतंत्र का दम घुट जाएगा, जो भारत के राजनीतिक माहौल और भविष्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक होगा। उन्होंने कहा कि आपराधिक मानहानि के इस मामले में अप्रत्याशित रूप से अधिकतम दो साल की सजा दी गई, जो अपने आप में दुर्लभतम है।

मणिपुर घटना पर पीएम, गृह मंत्री और स्मृति ईरानी इस्तीफा दें : नेटा डिसूजा

मणिपुर में दो कुकी महिलाओं की घटना के विरोध में महिला कांग्रेस ने गुरुवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। हिंसाग्रस्त पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में 4 मई की इस घटना ने देश भर में गुस्सा भर दिया है। महिला कांग्रेस ने मांग की है कि इस शर्मनाक घटना पर इसकी जिम्मेवारी लेते हुए पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और मंत्री स्मृति ईरानी को इस्तीफा दे देना चाहिए।  

याद रहे मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना का एक वीडियो सामने आया है, जिसके बाद सियासत गरमा गई है। इस वीडियो के मुताबिक दो कुकी महिलाओं की पहले पिटाई की गयी फिर उन्हें निर्वस्त्र कर घुमाया गया।

मणिपुर में कुकी महिलाओं के साथ यौन हिंसा की दिल दहला देने वाली इस घटना के खिलाफ महिला कांग्रेस ने गुरुवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। इस मौके पर महिला कांग्रेस अध्यक्ष नेटा डिसूजा ने कहा – ‘यदि ये सरकार सही में देशहित में सोचती है तो महिलाओं के प्रति अपने फर्ज को दिखाते हुए पीएम, गृह मंत्री और संबंधित मंत्री अपने पदों से इस्तीफा दें’।


डिसूजा ने कहा – ‘महिला कांग्रेस नेता ने कहा कि इस जघन्य अपराध की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए प्रधानमंत्री मोदी, स्मृति ईरानी और गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा दे देना चाहिए।

जितने दोषी मुख्यमंत्री हैं उतने ही दोषी पीएम मोदी भी हैं। अगर पीएम पहले चुप्पी तोड़ते तो ये हालत नहीं बनते। मणिपुर के मुद्दे पर इंडिया चुप नहीं बैठेगा।‘

उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने से ठीक पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि  ‘मणिपुर में जो हुआ है वह बेहद शर्मनाक है। ये पूरे देश को शर्मसार करने जैसा है। मैं सभी मुख्यमंत्रियों से कहना चाहता हूं कि वो मां और बेटी की सुरक्षा के लिए सदैव सजग रहें।’

बता दें, कुकी महिलाओं से जुड़ी यह घटना 4 मई की कांगपोकपी जिले में बी फीनोम गांव की है। एक पीड़ित महिला के मुताबिक उन्होंने सुना कि मैतेई भीड़ पास के गांव में घरों को जला रही है, तो उनका परिवार और अन्य लोग गंदगी वाली गली से भाग निकले। लेकिन भीड़ ने उन्हें ढूंढ़ लिया।

इस मामले में महिलाओं के रिश्तेदारों की तरफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है जिसमें उसने बताया एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार भी किया गया था। वहीं पुलिस ने बताया कि शिकायत के आधार पर 18 मई को कांगपोकपी जिले के सैकुल पुलिस स्टेशन में जीरो एफआईआर दर्ज की गई है। मणिपुर में कुकी और मैतेई इन दो जातीय समुदायों के बीच चल रही लगातार हिंसा को 78 दिन हो गए हैं। इसमें लगभग 100 लोगों की मौत और कई लोग बेघर हो गए है।

मणिपुर में कुकी महिलाओं से यौन हिंसा; देश भर में गुस्सा, विपक्ष ने उठाए सवाल

मणिपुर में दो कुकी महिलाओं से हुई शर्मनाक घटना ने देश भर में रोष भर दिया है। इसका वीडियो अब सामने आया है, हालांकि, यह घटना 4 मई की है। इस घटना में मामला दर्ज कर लिया गया है। घटना को लेकर पीएम मोदी ने कहा है कि मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उसके दोषियों को कतई नहीं बख्शेंगे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सवाल किया है कि केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री जी आखिर मणिपुर की हिंसक घटनाओं पर आंख मूंद कर क्यों बैठे हैं? क्या इस तरह की तस्वीरें और हिंसक घटनाएं उन्हें विचलित नहीं करतीं?

महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की घटना के वीडियो दिल दहला देने वाले हैं। घटना को लेकर अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है। मणिपुर में एक भीड़ के दो कुकी महिलाओं को नग्न कर घुमाने के इस वीडियो ने देश भर में गुस्सा भर दिया है। वीडियो में कई पुरुषों को उनके साथ-साथ चलते देखा जा सकता है, जबकि अन्य पुरुष परेशान दिख रही महिलाओं को खेतों में खींच रहे हैं।

महिलाओं पर यह हमला 4 मई को कांगपोकपी जिले में बी फीनोम गांव के पास हुआ था। यह घटना मैतेई और कुकी समुदायों के बीच झड़प के एक दिन बाद की बताई जा रही है। एक पीड़ित महिला के मुताबिक उन्होंने सुना कि मैतेई भीड़ पास के गांव में घरों को जला रही है, तो उनका परिवार और अन्य लोग गंदगी वाली गली से भाग निकले। लेकिन भीड़ ने उन्हें ढूंढ लिया।

उसने आरोप लगाया कि उसके पड़ोसी और उसके बेटे को थोड़ी दूरी पर ले जाया गया और मार डाला गया। उन्होंने कहा, इसके बाद भीड़ ने महिलाओं पर हमला करना शुरू कर दिया और उनसे हमारे कपड़े उतारने के लिए कहा। उसके बाद उनसे बहुत ही खराब व्यवहार किया गया।

महिलाओं के रिश्तेदारों की तरफ से दर्ज कराई गई पुलिस शिकायत में कहा गया है कि बाद में उनमें से एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। पुलिस ने बताया कि शिकायत के आधार पर 18 मई को कांगपोकपी जिले के सैकुल पुलिस स्टेशन में जीरो एफआईआर दर्ज की गई है।

 उनके मुताबिक पहली सूचना रिपोर्ट आमतौर पर उस पुलिस स्टेशन में दर्ज की जाती है जिसके अधिकार क्षेत्र में कथित अपराध हुआ है, एक शून्य एफआईआर किसी भी पुलिस स्टेशन को शिकायत स्वीकार करने और दर्ज करने की सुविधा देती है और फिर उसे संबंधित स्टेशन को भेज देती है।

मणिपुर की इस घटना पर देश भर में गुस्सा फ़ैल गया है। विपक्ष ने केंद्र सरकार पर मणिपुर की घटनाओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा – ‘केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री जी आखिर मणिपुर की हिंसक घटनाओं पर आंख मूंद कर क्यों बैठे हैं? क्या इस तरह की तस्वीरें और हिंसक घटनाएं उन्हें विचलित नहीं करतीं ? पीएम की चुप्पी और निष्क्रियता ने मणिपुर को अराजकता की ओर धकेल दिया है। जब मणिपुर में भारत के विचार पर हमला किया जा रहा है तो भारत चुप नहीं रहेगा। हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं। शांति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है’।

उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानसून सत्र के पहले दिन मणिपुर हिंसा पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा – ‘मणिपुर में जो हुआ है वो बेहद शर्मनाक है। ये पूरे देश को शर्मसार करने जैसा है। मैं सभी मुख्यमंत्रियों से कहना चाहता हूं कि वो मां और बेटी की सुरक्षा के लिए सदैव सजग रहे।’